लखनऊ। लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में जुलाई तक गामा नाइफ सर्जरी (Gamma Knife Surgery) की सुविधा शुरू होने की तैयारी है। संस्थान ने गामा नाइफ के लिए बैंक से कर्ज लेने का फैसला किया है। लोन मंजूर होने के बाद इसकी खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के पास गामा नाइफ मशीन खरीदने के लिए पैसा नहीं है। इसलिए बैंक से पैसे लोन पर लेने पड़े हैं। गामा नाइफ मशीन से बिना चीरा लगाए छोटे ट्यूमर का इलाज संभव हो सकेगा।
गामा नाइफ रेडियो थेरेपी (Gamma Knife Surgery Therapy) की तकनीक है। इसमें बिना चीरा लगाए सिर के ट्यूमर की सर्जरी करना संभव है। इस आधुनिक तकनीक के माध्यम से सिर के ट्यूमर और घाव पर बेहद सटीक तरीके से रेडिएशन पहुंचती है। गामा नाइफ सर्जरी का इस्तेमाल दिमागी ट्यूमर और धमनी संबंधित विकृतियों के साथ सिर के अन्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें मरीज को खतरा ना के बराबर होता है।
70 करोड़ लिया लोन
गामा नाइफ सर्जरी (Gamma Knife Surgery) की व्यवस्था के लिए अस्पताल प्रशासन ने 70 करोड़ लोन पर लिए हैं। इसमें से 60 करोड़ रुपए से गामा नाइफ मशीन की खरीद होगी। वहीं, 10 करोड़ रुपये से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जाएंगे। गामा नाइफ के रेडिएशन का इस्तेमाल कंप्यूटर के माध्यम से किया जाता है। इससे यह बेहद सटीक काम करता है और इससे शरीर के बाकी हिस्सों को नुकसान नहीं पहुंचता है।
जुलाई से शुरू हो सकती है सुविधा
PGI के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके धीमान का कहना है गामा नाइफ आधुनिक तकनीक है। मरीज को इसका लाभ मिलना चाहिए। इसलिए बैंक से लोन लेकर संस्थान में सुविधा शुरू हो की जा रही है। संस्थान ही भुगतान करेगा। जुलाई तक सुविधा शुरू होने की उम्मीद है।
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गामा नाइफ सर्जरी की शुरुआत से लाखों लोगों को सुविधा मिलेगी। प्राइवेट अस्पताल में गामा नाइफ सर्जरी करने के की फीस लाखों रुपये में है। संजय गांधी अस्पताल में इसकी शुरुआत होने जाने के बाद से ही गरीब आदमी को भी बेहतर मिलेगा।