बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न्याय के साथ राज्य के प्रत्येक क्षेत्र और तबके का विकास करने की उपलब्धियां गिनवाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधा और कहा कि वर्ष 2005 से पहले तक तो कुछ लोग केवल अपने परिवार के विकास में ही लगे थे।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुमार ने शनिवार को जिले के नाथनगर और गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार के पक्ष में आयोजित चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2005 में उनकी सरकार बनने के बाद से उन्होंने प्रदेश में बढ़ते अपराध पर रोक लगाया और कानून का राज स्थापित किया। इसके बाद हर क्षेत्र में विकास कार्यों को तेजी से कराया गया, जिससे समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई गई।
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श्री कुमार ने कहा कि उनके शासन का मूल सिद्धांत न्याय के साथ विकास रहा है। उनकी सरकार ने इस सिद्धांत पर कार्य करते हुए पिछले पंद्रह साल में राज्य के हर क्षेत्र और हर तबके का न्याय के साथ विकास किया है। लेकिन, वर्ष 2005 के पहले तक कुछ लोग केवल अपने परिवार के ही विकास में लगे हुए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए उनकी सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगर निकाय के चुनावों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया। इसी तरह सरकारी नौकरी में महिलाओं के लिए पैतीस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए विश्व बैंक से कर्ज लेकर जीविका समूहों का गठन कराया गया है, जिससे एक करोड़ बीस लाख महिलाएं आज जुड़ी हुई है।
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श्री कुमार ने कहा कि बिहार के हर जिले में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना कराते हुए प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक की बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है और आज छात्र व छात्राएं डिग्रियां प्राप्त कर रही है। उन्होंने कहा कि उनको प्रदेश में ही तकनीकी और रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण भी दिये जा रहे हैं। वहीं, गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिये ऋण सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, समाज के हर तबके के उत्थान का काम किया गया है। हमने पंद्रह साल तक प्रदेश के लोगों की ईमानदारी से सेवा की है। जनता की सेवा ही मेरा धर्म है और इसके लिए मैं पूरे प्रदेश के लोगों को अपना परिवार मानता हूं। नई पीढ़ी के बच्चों को जानकारी देना जरूरी है कि पहले बिहार की स्थिति कैसी थी, आम जनजीवन कैसा था। इसके बाद हमारी सरकार बनने पर राज्य के विकास के लिए हमने क्या-क्या किया है।”