लखनऊ। यूपी के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि अमृत योजना के तहत जो कार्य किये जा रहे हैं। उनकी गुणवत्ता उच्च कोटि की होनी चाहिए। इसके साथ ही अधिकारी निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें।
श्री तिवारी यह निर्देश मंगलवार को आयोजित अमृत योजना के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जो कार्य किये जा रहे हैं, उनकी गुणवत्ता उच्च कोटि की हो तथा प्रयुक्त मैटीरियल भी उच्च क्वालिटी का हो। संबंधित अधिकारी निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें। उन्होंने जिलाधिकारियों से परियोजनाओं की अद्यावधिक स्थिति की सूचना पांच फरवरी तक उपलब्ध कराने को कहा है।
इससे पूर्व बैठक में बताया गया कि अमृत योजना प्रदेश के 60 शहरी स्थानीय निकायों में संचालित है, जिनमें से 07 ऐसे निकाय जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है तथा 53 शहरी निकाय जिनकी आबादी 01 लाख से 10 लाख के मध्य है। अमृत योजना का उद्देश्य प्रत्येक घर को पाइप लाइन के द्वारा जलापूर्ति एवं सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना है। इसके अतिरिक्त योजनान्तर्गत शहरी निकायों में हरियाली विकसित करना तथा पार्कों का सौंदर्यीकरण भी शामिल है, ताकि नागरिकों का स्वास्थ्य और शहर का सौंदर्यीकरण बेहतर हो सके।
प्रदेश में अमृत योजना में 11421.66 करोड़ की धनराशि स्वीकृत है, जो कि पेयजल, सीवरेज और पार्कों के रखरखाव पर खर्च की जायेगी। उक्त धनराशि में से 4922.46 करोड़ रुपये केन्द्रीय अंशदान 3744.08 करोड़ रुपये राज्य अंशदान तथा 2755.13 करोड़ रुपये सम्बन्धी शहरी निकायों द्वारा वहन की जायेगी। मिशन के तहत 9.98 लाख परिवारों को पेयजल कनेक्शन तथा 10.84 लाख परिवारों को सीवर कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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इस समय 411 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है तथा 197 परियोजनायें पूर्ण की जा चुकी हैं। अब तक 6,43,767 घरों को पेयजल कनेक्शन तथा 4,85,337 घरों को सीवर कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है। कुल स्वीकृत धनराशि 11421.66 करोड़ रुपये में से रु0 5533 करोड़ जलापूर्ति पर, 5643 करोड़ सीवरेज पर व 246 करोड़ रुपये हरियाली व पार्कों के सौंदर्यीकरण के लिये प्राविधानित है।
इसमें से 12311.59 करोड़ रुपये की परियोजनायें राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी द्वारा स्वीकृत की गई हैं। प्रोजेक्ट के तहत अब तक 12311.59 करोड़ रुपये की 729 डीपीआर अनुमोदित की गई है, जिनमें से 10231.52 करोड़ की निविदायें स्वीकृत की जा चुकी हैं। योजना के तहत 4767.62 करोड़ की धनराशि कार्यदायी संस्थाओं को अवमुक्त की जा चुकी है, जिसमें से रु0 4324.93 करोड़ व्यय किये जा चुके हैं।
योजना के तहत जलापूर्ति की 53 प्रोजेक्ट लागत 1622.10 करोड़, सीवरेज एवं सेप्टेज के 23 प्रोजेक्ट लागत 2614.63 करोड़ तथा पार्क सौंदर्यीकरण के 121 प्रोजेक्ट लागत 88.20 करोड़ रुपये पूरे किये जा चुके हैं। बैठक में सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्बन्धित मण्डलायुक्त प जिलाधिकारीगण आदि उपस्थित थे। संचालन सचिव नगर विकास अनुराग यादव ने किया।