नई दिल्ली. भारत ने अत्याधुनिक राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन को भारत-चीन-भूटान सीमा के पास हाशिमारा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात कर दिया है। इस स्क्वाड्रन के लिए 6 राफेल भारत पहुंच चुके हैं और 12 अभी आने बाकी हैं।
300 किलोमीटर दूर तक टारगेट को तबाह करने वाली SCALP क्रूज मिसाइल से लैस राफेल हाशिमारा बेस से उड़कर एलएसी के करीब चीन के तकरीबन सभी महत्वपूर्ण अड्डों को निशाना बना सकता है। इस बीच अगर चीनी विमान आड़े आए तो राफेल 100 किमी दूर से ही मेटेयोर मिसाइल दागकर उसके परखच्चे उड़ा देगा। चीन ने अगर एलएसी लांघकर हमारे इलाके में कुछ ढांचा वगैरह बनाया तो राफेल के हैमर स्मार्ट बम उस ठिकाने के जीपीएस कोऑर्डिनेट्स पढ़कर उसे तबाह कर देंगे।
भारत-चीन के बीच 12वें दौर की वार्ता 31 जुलाई को, कोर कमांडर लेवल की होगी मीटिंग
पश्चिमी बंगाल के हासिमारा में तैनात राफेल के इस दूसरे स्क्वाड्रन का नाम 101 फाल्कन्स ऑफ चंब एंड अखनूर है। 2011 में मिग-21 के रिटायर होने के बाद से यह स्क्वाड्रन सक्रिय नहीं था। स्क्वाड्रन को अस्थाई रूप से बंद करने को वायुसेना की भाषा में नंबर प्लेटिंग कहा जाता है। 101 वीं स्क्वाड्रन 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध में शामिल हुआ था। फ्रांस के इस्त्रेस एयरबेस से 8000 किलोमीटर की सीधी उड़ान भरकर 21 जुलाई तीन और राफेल भारत पहुंचे। आज इन्हें भी औपचारिक रूप से 101 फाल्कन्स स्क्वाड्रन में शामिल कर लिया गया।
कारगिल युद्ध से जुड़े 10 चौंकाने वाले खुलासे, नाकाम पाक ने खुद खोली थी अपनी पोल…
लद्दाख की राजधानी लवासा से केवल 364 किलोमीटर दूर हाशिमारा एयरफोर्स स्टेशन पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में है। यह जगह हमारे उत्तर-पूर्वी राज्यों को बाकी देश से जोड़ने वाले संकरे चिकन नेक के ऊपर है। हाशिमारा के उत्तर में नेपाल है और दक्षिण में बांग्लादेश। हाशिमारा बेस पर सिक्किम में नाथुला दर्रे की सुरक्षा का भी जिम्मा है।