उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और तराई के जिलों में पिछले कई दिनों से जारी बारिश फिलहाल थमने वाली नहीं है। मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक पूर्वी यूपी के 25 से 30 जिलों में बारिश का सिलसिला अगले 5 दिनों तक जारी रहेगा।
हालांकि, पश्चिमी यूपी में बारिश की संभावना कम है। धान की फसल के लिए तो ये बारिश किसी वरदान से कम नहीं हैं, लेकिन निचले इलाकों में जलभराव की समस्या से कई जिलों में लोगों के लिए मुश्किलें भी खड़ी हुई हैं। खासकर नदियों के किनारे बसे गांव में तो हालात विकट होते जा रहे हैं।
मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक लखनऊ, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, बस्ती, संतकबीर नगर गोण्डा, अम्बेडकरनगर, अयोध्या, अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, भदोही, कौशाम्बी, सोनभद्र, बाराबंकी, सीतापुर, वाराणसी, चन्दौली, देवरिया, बलिया, आजमगढ़, लखीमपुर खीरी, मऊ, कुशीनगर, गाजीपुर, पीलीभीत और बहराइच में दोपहर तक बारिश होने या फिर बारिश जारी रहने के आसार हैं।
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मौसम विभाग के अभी तक के अनुमान के मुताबिक गुरुवार को बारिश का ज्यादा जोर बिहार और नेपाल की सीमा से लगे जिलों में देखने को मिलेगा। शुक्रवार को नेपाल से सटे जिलों में बारिश का ज्यादा जोर देखने को मिल सकता है। पिछले 24 घंटे में सूबे के 10 जिलों में बारिश रिकॉर्ड की गई है। सबसे ज्यादा बनारस में 21.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 19 मिलीमीटर बलिया में जबकि प्रयागराज में 9.6 मिलीमीटर बारिश हुई।
पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड के किसी भी जिले में बौछार तक नहीं पड़ी। यह जरूर है कि बदले मौसम के कारण दिन के तापमान में काफी कमी दर्ज की गई है। प्रदेश के लगभग सभी शहरों में दिन का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के नीचे ही दर्ज किया गया है, जबकि रात का न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा रहा है।
पूर्वांचल और तराई के जिलों में लगातार हो रही बारिश से नदी के किनारे बसे निचले इलाकों में जलभराव की समस्या गंभीर होती जा रही है। बता दें कि ज्यादातर नदियों का जलस्तर या तो खतरे के निशान से ऊपर या उसके करीब है। ऐसे में लगातार हो रही बारिश मुसीबत का सबब भी बनती जा रही है।