चित्रकूट। भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट स्थित रामायणी कुटी में विश्व हिन्दू परिषद धर्माचार्य संपर्क विभाग कानपुर प्रान्त द्वारा आयोजित संतो की चिंन्तन बैठक में शिरकत करने आये विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने राम मंदिर से जुड़ी कई अहम सूचनाओं को मीडिया से साझा किया।
उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2023 में जन्मभूमि में भव्य मन्दिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद से विश्व के करोड़ो हिन्दुओं को उनके आराध्य प्रभु श्रीराम को गर्भगृह में दर्शन करने का सपना साकार हो जाएगा।
आदि तीर्थ के रूप में समूचे विश्व मे विख्यात भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट के रामायणी कुटी आश्रम में रविवार को आयोजित चिंन्तन बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने मीडिया से बताया कि राजस्थान की कार्यशाला में मंदिर निर्माण में प्रयुक्त होने वाले पत्थरों को तराशा जा रहा है।
बताया कि राजस्थान के सिरोही जिले में चार कार्यशाला हैं। मकराना में मार्बल की एक कार्यशाला है जबकि पिंक सैंड स्टोन की तीन अन्य कार्यशालाओं को अभी एक लाख घन फीट पत्थरों की नक्काशी का काम दिया गया है। प्रत्येक कार्यशाला को तय समय में पत्थरों को तराशने का काम पूरा करना होगा।
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चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों की नीलामी सिलेक्शन का काम पूरा कर लिया गया है। मकराना का ह्वाइट मार्बल जिसे आप बेस्ट कहेंगे, वह लगेगा, यह शताब्दियों तक रंग नहीं बदलता। मंदिर निर्माण के फाउंडेशन के राफ्ट का काम अब महज पांच से दस फीसदी बचा हुआ है। राफ्ट का मतलब सेकंड फेस ऑफ फाउंडेशन। चट्टान बन गई है, अब उसके ऊपर कंक्रीट बन रहा है। उसके बाद पत्थरों को एक के ऊपर एक रखकर प्लिंथ तैयार की जाएगी।
चंपत राय ने बताया कि संभवत: फरवरी के अंत में या मार्च के प्रारंभ में प्लिंथ के पत्थरों को जोड़ने का काम आरंभ हो जाएगा। पत्थरों को ऊंचाई पर रखने के लिए मंदिर निर्माण स्थल पर दो टावर क्रेन लगाए गए हैं। एक टावर क्रेन पूर्वी-दक्षिणी कोने पर तो दूसरा टावर क्रेन पश्चिमी-उत्तरी कोने खड़ा हो गया है।
चंपत राय ने बताया कि, राममंदिर निर्माण में रिटेनिंग वॉल की तैयारियां शुरू हो गई हैं, रिटेनिंग वॉल का मतलब होता है मिट्टी का कटान रोकने के लिए दीवार और यह दीवार जमीन के अंदर जाती है। यह उतनी ही गहराई तक जाएगी जितनी गहराई तक सरयू का जल जून माह में रहता है ताकि पानी कभी बढ़ जाए तो अंदर की मिट्टी कटकर न बह सके।
इस मौके पर काशी पीठाधीश्वर जितेंद्रानंद सरस्वती, रामायणी कुटी के महंत राम हृदय दास महाराज, कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपाल दास महाराज, भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवन दास महाराज, बड़ा मठ के महंत वरुण जी महाराज, विहिप के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री गजेंद्र सिंह, क्षेत्रीय धर्माचार्य जितेंद्र जी, प्रान्त मंत्री वीरेंद्र पांडेय, प्रान्त धर्माचार्य राकेश पांडेय, जिलाध्यक्ष छेदीलाल गौतम महामंत्री रामशरण तिवारी, सह जिला मंत्री रामजी पांडेय आदि सैकड़ों संत एवं विहिप पदाधिकारी मौजूद रहे।