देवों के देव महादेव की महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन पूरे मनोभाव से पूजा की जाती है। इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन कई वर्षों के बाद अद्भुत संयोग बन रहा है। इस बार महाशिवरात्रि पर शिव योग, सिद्ध योग और चतुर्ग्रही योग का निर्माण हो रहा है। इन तीनों योगों का एक ही दिन पर बनना अद्भुत संयोग है। इसके अतिरिक्त महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन ही शुक्र प्रदोष व्रत योग बन रहा है। महाशिवरात्रि 8 मार्च, शुक्रवार को है। इसी दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। प्रदोष व्रत जब शुक्रवार के दिन बनता है, तो उसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है।
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) की पूजा
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) की पूजा चार प्रहर में की जा सकती है। प्रथम प्रहर में भगवान शिव का दूध से अभिषेक, दूसरे प्रहर में दही से अभिषेक, तीसरे प्रहर में शुद्ध देसी घी से अभिषेक व चौथे प्रहर में शहद से अभिषेक किया जा सकता है।
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन शिव स्तुति, शिव मंत्र, शिव सहस्त्रनाम, शिव चालीसा, शिव तांडव, रुद्राष्टक, शिव पुराण और शिव आरती गाना अत्यधिक फलदायी माने जाते हैं। कहते हैं ऐसा करने पर महादेव प्रसन्न हो सकते हैं और हर मनोकामना पूर्ण करते हैं।
कुंवारी कन्याएं जरूर रखें व्रत
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के व्रत से कई तरह की मान्यताएं जुड़ी हैं। माना जाता है कि इस दिन कुंवारी कन्याएं भगवान शिव के लिए व्रत रखती हैं तो उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है। वहीं वैवाहिक महिलाएं व पुरुष वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए शिव-पार्वती की पूजा कर सकते हैं।