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गलती करने वालों पर चला RBI का चाबुक, बैंकों पर लगाया इतने करोड़ का जुर्माना

Writer D by Writer D
22/11/2022
in Business
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New India Co-operative Bank

RBI

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नई दिल्ली। भारत में बैंकों के कामकाज पर नजर रखने का काम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) करता है. तभी तो बीते 30 महीने में जब बैंकों ने फ्रॉड केसेस को रिपोर्ट करने में कोताही बरती, तो केंद्रीय बैंक ने उनसे 73 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल लिया. दरअसल, बैंकों के बढ़ते एनपीए को देखते हुए Reserve Bank of India ने साल 2016 में कुछ नियम बनाए थे. फ्रॉड क्लासिफिकेशन एंड रिपोर्टिंग बाय कमर्शियल बैंक एंड सिलेक्ट एफआई नाम से बने इन नियमों के तहत बैंकों को किसी तरह का बैंकिंग फ्रॉड होने की स्थिति में आरबीआई को सूचना देनी होती है. इन्हीं नियमों के कुछ प्रावधानों को उल्लंघन करने को लेकर बैंकों पर जुर्माना लगाया गया.

48 मामले, 73 करोड़ जुर्माना इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जनवरी 2020 से लेकर अब तक बीते 30 महीनों में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों पर 73.06 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसमें सरकारी बैंकों के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर के बैंक और विदेशी बैंक शामिल हैं. बैंकों पर ये जुर्माना 48 मामलों में नियमों का उल्लंघन करने को लेकर लगाया गया है, हालांकि रिजर्व बैंक की ओर से ये साफ नहीं किया गया है कि उन्होंने फ्रॉड रिपोर्टिंग से जुड़े किन प्रावधानों का पालन नहीं किया है.

इस साल अगस्त में ही भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सरकारी बैंक पर इसी संबंध में 32 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इस मामले में भी केंद्रीय बैंक ने ये डिटेल नहीं दी थी कि बैंक पर ये जुर्माना किस प्रावधान के उल्लंघन को लेकर लगाया गया.

अब अपीलीय प्राधिकरण बनाने की मांग भारतीय रिजर्व बैंक कई तिमाहियों से इस तरह का फैसला ले रहा है, जिसे लेकर अब कई एक्सपर्ट जहां आलोचना कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अब एक अपीलीय प्राधिकरण बनाने की मांग भी उठ रही है, जहां केंद्रीय बैंक के निर्णयों के खिलाफ अपील की जा सके, जैसा कि सेबी के आदेशों के मामले में होता है. सेबी के फैसलों के खिलाफ सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील की जा सकती है.

वैसे आपको बताते चलें, वित्तीय क्षेत्र से जुड़े कानूनों में सुधार के लिए सरकार ने एक आयोग (FSLRC) बनाया था. जस्टिस बी. एन. कृष्णा की अध्यक्षता में बने इस आयोग ने भी सभी तरह के वित्तीय नियामकों (रेग्यूलेटर्स) के लिए एक अपीलीय प्राधिकरण बनाने की सिफारिश की थी. इसमें आरबीआई भी शामिल था.

Tags: Business NewsRBIReserve Bank of India
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