बगदाद। इराक में अराजकता की स्थिति देखने को मिल रही है। सोमवार को पावरफुल शिया मुस्लिम धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर (Moqtada-Al-Sadr) ने राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद हालात और बिगड़ गए। बगदाद में धर्मगुरु के समर्थकों और ईरान समर्थित लोगों के बीच झड़पें हो गईं। घटना में आठ लोगों की मौत हो गई। भीड़ ने राष्ट्रपति भवन और सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया है। अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों को हेलीकॉप्टर से ग्रीन जोन से बाहर निकाला गया।
प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबल आंसू गैस के गोले दाग रहे हैं। इस बीच, भीड़ प्रेसीडेंट्स पूल में स्विमिंग भी कर रहे हैं। धर्मगुरु के समर्थक रिपब्लिकन पैलेस के स्विमिंग पूल में मस्ती कर रहे हैं।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सोमवार को मौलवी के राजनीति छोड़ने के फैसले से उनके समर्थकों में नाराजगी बढ़ गई और वे सड़कों पर उतर आए। इन लोगों की तेहरान समर्थित लोगों के साथ झड़प हो गई। उन्होंने बगदाद के ग्रीन जोन के बाहर एक-दूसरे पर पत्थर फेंके। बता दें कि इस इलाके में मंत्रालयों और दूतावासों में रहने वालों के घर हैं।
मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, सेंट्रल बगदाद में गोलियों की आवाज गूंजी। हवाई फायरिंग किए जाने से दहशत फैल गई। पुलिस और डॉक्टर्स की तरफ से बताया गया कि झड़पों में 8 लोगों की मौत हो गई और 19 लोग घायल हुए हैं। ये भी बताया कि शिया धर्मगुरु के राजनीति छोड़ने के बाद हालात बिगड़े और उनकी घोषणा के कुछ घंटों बाद झड़पें तेज हुईं। दरअसल, ग्रीन जोन में स्थित संसद में शिया धर्मगुरु के समर्थक एक सप्ताह से धरना दे रहे थे। जैसे ही उन्हें अपने नेता के राजनीति छोड़ने के ऐलाने के बारे में पता चला तो वे उग्र हो गए।
यूपी में सात PPS अफसरों का ट्रांसफर, यहां देखें पूरी लिस्ट
फिलहाल, झड़पों की घटनाओं के बाद इराक की सेना ने दोपहर साढ़े तीन बजे से देश में कर्फ्यू लागू कर दिया है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों से ग्रीन जोन छोड़ने की अपील की है। बताते चलें कि इराक में नई सरकार के गठन को लेकर एक महीने से गतिरोध चल रहा है।
शिया धर्मगुरु सदर (Muktada al-Sadr) ने इराक में दशकों के संघर्ष और प्रतिबंधों से उबरने के प्रयास और सांप्रदायिक संघर्ष, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अपने समर्थकों के साथ आंदोलन किया है। सदर ने इराकी राजनीति पर यूएस और ईरानी प्रभाव का विरोध करके देश में व्यापक समर्थन प्राप्त किया है। सदर अब जल्द चुनाव कराने और संसद को भंग करने की मांग कर रहे थे। सदर ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा- ‘मैं अपने फाइनल विड्रॉ की घोषणा करता हूं।’ उन्होंने अपने कार्यालयों के बंद होने के बारे में विस्तार से नहीं बताया। लेकिन कहा कि सांस्कृतिक और धार्मिक संस्थान खुले रहेंगे।









