मैनपुरी जिले में 950 बीघे जमीन के फर्जीवाड़े के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत राजस्व कर्मी की 5.30 करोड़ की संपत्ति को गुरुवार को जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस ने कुर्क किया है।
राजस्वकर्मी पर जमीन हेराफेरी से संबंधित 4 मामले दर्ज किये गये थे, जिसमें वह अभी जेल में निरुद्ध है। इस अपराध में शामिल 51 लोग खिलाफ रिपोर्ट दर्ज थी और 12 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
जनपद के भोगांव तहसील के ग्राम पंचायत अहिरवा में तत्कालीन क्षेत्रीय लेखपाल प्रदीपेन्द्र द्वारा 2010 से लेकर 11 तक 950 बीघे जमीन का फर्जीवाड़ा किया था। यह फर्जीवाड़ा लंबे समय तक दबा रहा लेकिन 2018 में तत्कालीन जिलाधिकारी प्रदीप तिवारी ने मामले को संज्ञान में लिया और जांच कराकर FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे।
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जमीन हेराफेरी के मामले में चार एफआईआर दर्ज कराई गई थी और 51 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसमें रजिस्ट्रार, कानूनगो व अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। 2019 में जिलाधिकारी प्रमोद उपाध्याय ने बेदखली की कार्रवाई करते हुए जमीन को कब्जा मुक्त कराया था।
पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की, जिसमें 7 लोग जेल में निरुद्ध हैं। चार अभियुक्तों को उच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही एक ब्लॉक प्रमुख जो कि अभियुक्त है फरार चल रहा है। इस अभियुक्त के खिलाफ 82 की कार्रवाई की जा चुकी है। जल्द ही 83 यानी कि संपत्ति ज़ब्त की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
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जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने गैंगस्टर एक्ट 14(1) के तहत कार्रवाई करते हुए अभियुक्त की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस के दो क्षेत्राधिकारी सदर तहसील के तहसीलदार और साथ में भारी संख्या में पुलिस बल शहर के कोतवाली के अंतर्गत मोहल्ला राजा बाग में पहुंचे.
टीम ने मुख्य अभियुक्त प्रदीपेन्द्र की संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई प्रारंभ की तो अभियुक्त की पत्नी और बच्चे विरोध जताने लगे. अधिकारियों ने महिला को समझा-बुझाकर घर के बाहर निकाला और मकान को सील किया। क्षेत्राधिकारी भोगांव अमर बहादुर सिंह ने बताया कि भूमि संबंधी हेराफेरी के मामले में प्रदीपेन्द्र राठौर और इसके कई साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।