गोमती रिवर फ्रंट परियोजना में करोड़ों के घोटाले के मामले में चीफ इंजीनियर और वरिष्ठ लिपिक की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने कुछ और बड़ों पर जांच के घेरे में लिया है। सीबीआई इस घपले में दो आईएएस अफसरों के विरूद्ध सबूत एकत्र करने में जुटी है।
माना जा रहा है कि इन दोनों अफसरों से सीबीआई शीघ्र ही सवाल-जवाब करेगी। उधर, सीबीआई ने शुक्रवार को गिरफ्तार किये गये पूर्व मुख्य अभियंता रूप सिंह यादव और लिपिक से रिमांड पर लगातार पूछताछ कर रही है।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक सिंचाई विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव और वरिष्ठ लिपिक से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। पूछताछ में घोटाले से संबंधी जो बाते सामने आयी हैं उस आधार पर शीघ्र ही और लोगों की भी गिरफ्तारियां होगी। सत्रों ने ये भी बताया कि इस घाटाले में दो आईएएस अफसरों से भी पूछताछ हो सकती है।
शादी में 100 से ज्यादा आए मेहमान तो लगेगा 25 हजार रुपए जुर्माना
सीबीआई सत्रों ने बताया कि पुलिस रिमाण्ड में रूप सिंह यादव और वरिष्ठ लिपिक से पूछताछ में सवाल किया गया कि उन्होंने काम पूरा हुए बगैर इतना अधिक बजट कैसे खर्च कर दिया। उन्होंने काम का आवंटन और भुगतान किसके कहने या दबाव में किया। इसमें कितनी रकम की बंदरबांट हुआ और किस-किसको इसका लाभ पहुंचाया गया। हालांकि आरोपियों ने इन सवालों का कोई साफ जवाब नहीं दिया है।
गौरतलब है कि 1513 करोड़ की इस परियोजना में 90 फीसदी बजट खर्च होने के बावजूद बमुश्किल साठ फीसदी काम ही पूरा हो सका था। इसमें कई अग्रिम भुगतान हुए और अनियमित तरीके से काम का आवंटन किए जाने की शिकायतें सामने आईं।
महंत गोपालदास को सांस लेने में तकलीफ बढ़ी, ऑक्सीज़न लेवल गिरा
रिवर फ्रंट घोटाला हो या खनन घोटाला या फिर यूपीपीएससी जैसे अन्य घोटाले, इनकी जांच केंद्रीय एजेंसी कर रही हो या राज्य की एजेंसी, इनकी आंच पूर्ववर्ती सरकार या उससे पहले की सरकार तक भी पहुंचनी तय है। सीबीआई फिलहाल रिवर फ्रंट परियोजना में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता की जांच कर रही है। गिरफ्तार पूर्व मुख्य अभियंता व लिपिक को जवाब देना होगा कि किसकी शह पर उन्होंने नियमों की अनदेखी की और जो करोड़ों के वारे-न्यारे हुए उसमें किसका कितना कमीशन था। ऐसे में मामले की आंच विभाग के तत्कालीन मंत्री व अन्य तक पहुंचने का अंदेशा है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय भी अपने स्तर से तथ्य जुटा रहा है।