नयी दिल्ली: केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 12 मेट्रो स्टेशन के साथ 11.165 किलोमीटर लंबी लखनऊ मेट्रो (Lucknow Metro) रेल परियोजना के चरण-1बी के लिए 5,801 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है।
सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्ण ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लखनऊ मेट्रो (Lucknow Metro) रेल परियोजना के चरण-1बी के चालू होने के बाद लखनऊ शहर का मेट्रो रेल नेटवर्क 34 किलोमीटर का हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 11.165 किमी मेट्रो लाइनें बिछाई जायेंगी, जिससे कनेक्टिविटी से वंचित शहर के सबसे पुराने और सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में सार्वजनिक परिवहन में उल्लेखनीय सुधार होगा। इस चरण का उद्देश्य पुराने लखनऊ के प्रमुख क्षेत्रों को निर्बाध रूप से एकीकृत कर नयी यातयात सुविधा से जोड़ना है।
श्री वैष्णव के अनुसार मंत्रिमंडल के इस फैसले का मकसद इस चरण में पुराने लखनऊ के अमीनाबाद, यहियागंज, पांडेगंज और चौक जैसे व्यावसायिक केंद्रों के जोड़ने के साथ ही स्वास्थ्य सेवाएँ देने में प्रमुख किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (मेडिकल कॉलेज), प्रमुख पर्यटक स्थल बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूल भुलैया, घंटाघर और रूमी दरवाज़ा शामिल हैं।
उनका कहना था कि चरण-1बी पर काम पूरा होना न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाएगा बल्कि आर्थिक गतिविधियों, पर्यटन को भी बढ़ावा देगा और शहर के निवासियों और शहर में आने वाले लोगों को आसान सुविधा उपलब्ध कराएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लखनऊ मेट्रो (Lucknow Metro) रेल परियोजना का पहला चरण शहर के लिए परिवर्तनकारी विकास साबित होगा। यह शहर में बेहतर कनेक्टिविटी, यातायात की भीड़ कम करने, पर्यावरणीय लाभ, आर्थिक विकास और जीवन स्तर में सुधार करने के साथ ही शहरी चुनौतियों का समाधान कर भविष्य के विस्तार के लिए आधार प्रदान करेगा।