दिनाजपुर। पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिले में किशोरी की कथित रूप से बलात्कार के बाद हत्या के मामले को लेकर बवाल जारी है। इस मामले में रविवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
गुस्साए लोगों ने प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 31 को अवरूद्ध कर दिया तथा सरकारी बसों और पुलिस की गाड़ियों को आग लगा दी। प्रदर्शनकारी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। तभी सुरक्षा कर्मियों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हुई।
सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों सहित करीब 30 लोग जख्मी हो गए। वहीं इस बीच बच्ची की पोस्टमार्टम रूप में खुलासा हुआ है कि उसके साथ कोई यौन उत्पीड़न की घटना नहीं हुई है।
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मिली जानकारी के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहीं भी यौन उत्पीड़न की कोशिश या उसकी इंजरी का जिक्र नहीं है।पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, बच्ची की मौत अधिक मात्रा में जहर पीने की वजह से हुई है। उसके शरीर पर कोई भी इंजरी नहीं है। लोगों का दावा है कि लड़की को पहले अगवा किया गया, फिर उसके साथ रेप किया गया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लड़की के शरीर पर कोई भी खरोच के निशान नहीं है।
बता दें कि उत्तरी दिनाजपुर जिले के चोपड़ा विधानसभा क्षेत्र के सोनारपुर इलाके में 15 वर्षीय बच्ची की लाश मिली थी। उसकी लाश घर से 500 मीटर की दूरी पर एक पेड़ के नीचे मिली थी। लाश के पास से जहर की कुछ बोतलें और एक मोबाइल फोन मिला था। यह फोन किसी फिरोज नामक शख्स का बताया जा रहा है।
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परिवार का आरोप है कि बच्ची की हत्या की गई है।परिवार ने आरोप लगाया था कि लड़की के साथ कथित तौर पर रेप किया गया है और उसकी हत्या कर दी गई, लेकिन पुलिस के पास सबूत है कि लड़की फिरोज नाम के लड़के को पहले से जानती थी और वह उसके साथ पहले भी नजर आ चुकी थी। बीजेपी का दावा है कि लड़की उसके कार्यकर्ता की बहन है और पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
इस घटना के बाद रविवार को स्थानीय लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-31 जाम करके जमकर हंगामा किया और बसों में आग भी लगा दिया। गुस्साए लोगों ने कार्रवाई की मांग की। लोगों का उग्र प्रदर्शन देख पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। प्रदर्शन के मामले में तीन लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
इस मामले में तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी ने लड़की की मौत के मामले में फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की। इस मामले में सांप्रदायिकरण और राजनीतिकरण करने की कोशिश की गई, लेकिन बीजेपी का झूठ पकड़ा गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सच्चाई सामने आ गई है।