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पेट्रोल पंपों पर धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई का चलायें प्रदेशव्यापी अभियान : सीएम योगी

Writer D by Writer D
18/04/2022
in उत्तर प्रदेश, लखनऊ
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लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और बच्चों के सुपोषण के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है। विगत 05 वर्षों में निराश्रित महिला पेंशन योजना की धनराशि 500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रतिमाह की गयी है। साथ ही, योजना के साथ 13.69 लाख लाभार्थी जोड़े गए हैं। पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे पुलिस, चिकित्सा, आश्रय एवं विधिक सहायता के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में वन स्टॉप सेण्टर संचालित हैं। इनके माध्यम से 01 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की गयी है।

मुख्यमंत्री  आज यहां शास्त्री भवन में सामाजिक सुरक्षा सेक्टर के 08 विभागों के प्रस्तुतीकरण के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। सामाजिक सुरक्षा सेक्टर के अन्तर्गत महिला कल्याण, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, श्रम एवं सेवायोजन, खाद्य एवं रसद तथा उपभोक्ता संरक्षण एवं बाट-माप विभागों का प्रस्तुतीकरण किया गया।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि महिलाओं व बच्चों से संबंधित विषयों पर प्रभावी नीतियों के निर्माण एवं योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के माध्यम से उनके सर्वागीण विकास के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में मण्डल स्तर पर कम से कम एक महिला संरक्षण गृह और महिला शरणालय की स्थापना करायी जाए। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत 11.57 लाख बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। इस योजना के प्रति व्यापक जागरूकता के लिए कार्य किया जाए। अभियान चलाकर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत अधिक से अधिक पात्र बालिकाओं को आच्छादित कराया जाए। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के सरलीकरण व अधिक प्रभावी संचालन हेतु गाइडलाइन्स में आवश्यक संशोधन किया जाए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय से योजनाओं के क्रियान्वयन की क्षमता बढ़ती है। मिशन शक्ति के तृतीय चरण को ग्राम पंचायत स्तर तक ले जाने के लिए अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों द्वारा संचालित निर्माण कार्यों को गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने का प्रयास होने चाहिए। विभागीय स्तर पर कार्यों की भौतिक समीक्षा और सत्यापन होते रहने चाहिए, जिससे कोई भी निर्माण कार्य लम्बित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास योजना की परियोजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए भौतिक परीक्षण किया जाए।

सौहार्द, शान्ति एवं कानून व्यवस्था राज्य सरकार की प्राथमिकता: सीएम योगी

मुख्यमंत्री  ने कहा कि विगत 05 वर्षों में राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की धनराशि में लगभग तीन गुने की वृद्धि की है। इससे निराश्रित महिलाओं, वृद्धजनों एवं दिव्यांगजनों को बड़ा आर्थिक संबल मिला है। उन्होंने कहा कि विकासखण्ड स्तर पर स्वावलम्बन कैम्पों के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के फॉर्म भरवाए तथा स्वीकृत करवाए जाएं। कोविड काल में निराश्रित हुए बच्चों की शिक्षा-सुरक्षा और व्यवस्थित वन यापन के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना लागू की गयी है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड एवं सामान्य) योजना के सहज, पारदर्शी एवं प्रभावी क्रियान्वयन एवं सतत मॉनिटरिंग के लिए एम0आई0एस0 पोर्टल तैयार कराया जाए। इस योजना के तहत 9वीं या उससे उच्च कक्षाओं में अध्ययनरत् समस्त पात्र बच्चों को लैपटॉप प्रदान किया जाए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। प्रदेश के राजकीय व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित समस्त महिला एवं बाल देखरेख संस्थाओं में सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए जाएं। महिला संरक्षण एवं बाल देख-रेख संस्थाओं में आवासित महिलाओं तथा 16 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों की अभिरुचि की मैपिंग करते हुए कौशल विकास प्रशिक्षण कराया जाए। इन्हें रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने हेतु विभिन्न शासकीय योजनाओं व रोजगार प्रदाता कम्पनियों व संगठनों से समन्वय श्रम विभाग द्वारा संचालित सेवा मित्र पोर्टल ेमअंउपजतंण्नचण्हवअण्पद व ऐसे अन्य रोजगार प्लेटफार्म से लिंक करें। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना तथा बाल सेवा योजना की तय राशि त्रैमासिक किस्तों में समय से पात्र लोगों के बैंक खाते में अंतरित की जाए।

रात में तैनाती स्थल पर ही रुकें एसडीएम, सीओ और तहसीलदार : सीएम योगी

मुख्यमंत्री  ने कहा कि श्रम विभाग में पंकृत श्रमिकों की संख्या को देखते हुए इनका सत्यापन कराया जाए। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना ने उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क और स्तरीय तैयारी के लिए अच्छा प्लेटफार्म दिया है। इसे और व्यवस्थित किया जाना चाहिए। अभी मंडल मुख्यालयों पर संचालित इन कक्षाओं को सभी 75 जिलों में विस्तार दिया जाए। राज्य सरकार ने एक अभिनव प्रयास के तहत किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया है। आगामी 100 दिनों में निराश्रित उभयलिंगी व्यक्तियों की पहचान कर उनका परिचय पत्र बनाया जाए। साथ ही, इनके लिए वृद्धाश्रम की सेवा भी प्रारम्भ की जाए। उन्होंने कहा कि संत रविदास आश्रम पद्धति विद्यालयों का निर्माण कार्य शीघ्रता से पूर्ण कराया जाए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से गरीब बेटियों की शादी की व्यवस्था कर रही है। इससे गरीब परिवारों को बहुत राहत मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली 51 हजार रुपये की सहायता राशि को बढ़ाकर 01 लाख रुपये किए जाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने अधिकारियों को इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण के लिए विगत 05 वर्षों में अभूतपूर्व प्रयास किया गया है। इस प्रयास को आगे बढ़ाते हुए आगामी 100 दिनों में मदरसा शिक्षा मोबाइल एप विकसित कर लॉन्च करने की तैयारी की जाए। उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा के पाठ्यक्रमों में भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महानायकों, भारतीयता के प्रतीक महापुरुषों की वन गाथा को समाहित किया जाए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि विगत वर्ष तकनीक के दुरुपयोग के माध्यम से पेट्रोल पम्पों पर घटतौली के प्रकरण सामने आए थे। ऐसे में पेट्रोल पम्पों की कार्यप्रणाली की जांच पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सभी जिला आपूर्ति अधिकारियों एवं जिलाधिकारियों द्वारा अभियान चलाकर कार्यवाही की जाए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक उन्नयन की दिशा में प्रभावी कार्य किया है। पूर्व दशम छात्रवृत्ति और दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में बड़ी संख्या में छात्र लाभान्वित हुए हैं। बेरोजगार युवाओं के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत सार्थक प्रयास किए जाएं, ताकि अधिक से अधिक संख्या में पिछड़े वर्ग के युवाओं को रोजगार प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग की बालिकाओं के विवाह के लिए शादी अनुदान योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। इस योजना में पिछले छह वर्षों में 03 लाख 85 हजार 517 बालिकाओं का विवाह संपन्न हुआ है। अगले छह माह में कम से कम 20 हजार लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने गत वर्षों में कई रचनात्मक और नए सुधारों को गति दी है। भविष्य में भी यह प्रयास जारी रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सरकारी योजनाओं का लाभ हर संगठित और असंगठित श्रमिक तक पहुंचे। ईज ऑफ लिविंग के तहत श्रम विभाग द्वारा ऑनलाइन दी जाने वाली 35 सेवाओं को 07 सेवाओं में समाहित किया जाए। साथ ही, प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए पोर्टल विकसित कर डेटाबेस तैयार करें।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि सेवायोजन निदेशालय ने पिछले पांच वर्षों में रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में बेहतर प्रयास किया है, लेकिन इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है। ऐसे में कॅरियर काउंसिलिंग और रोजगार मेलों में वृद्धि करने की आवश्यकता है। पंकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को स्नातक स्तर पर मुफ्त शिक्षा देने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। निर्माण श्रमिकों के बच्चों और निराश्रित बच्चों के लिए बन रहे 18 मंडलों अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन शुरू कराया जाए। गजरौला मुरादाबाद और फिरोजाबाद में नए ई0एस0आई0 अस्पतालों के लिए भूमि चिन्हित की जाए। ई-श्रम पोर्टल पर पंकृत 8.26 करोड़ कामगारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना से एक लाख लोगों का आच्छादन कराने के प्रयास शुरू कराए जाएं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि खाद्य एवं रसद विभाग ने पिछले पांच वर्षों में नवाचारों को बढ़ावा देकर और तकनीक के प्रयोग से लोगों के वन को आसान बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। देश में ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना’ लागू करने वाला उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप) के माध्यम से खरीद व्यवस्था लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। इससे बिचौलियों को दरकिनार करने में सफलता मिली है। अन्नदाता किसानों से एमएसपी पर खरीद की जा रही है और उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे पैसे भेजे जा रहे हैं। प्रदेश में ई-पॉस मशीनों से खाद्यान्न वितरण से राशन वितरण में पारदर्शिता आई है। 15 करोड़ जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क राशन मिल रहा है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि आगामी सौ दिनों में प्राथमिकता के आधार पर बेघरों और वंचित नागरिकों को भी राशन कार्ड की सुविधा दी जाए। अगले सौ दिनों में ग्राम पंचायतों को खाद्यान्न क्रय योजना में संयोजित किया जाए और डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था की जाए। उचित दर की दुकानों को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में अधिकृत करने की दिशा में प्रयास शुरू किए जाएं। फोर्टीफाइड चावल वितरित करने के प्रयास किए जाएं। इससे कुपोषण के रोकथाम में मदद मिलेगी। साथ ही न्यूट्रीबेस्ड फूड बाजरा की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद और वितरण की व्यवस्था की जाए। आगामी पांच वर्षों में नगर विकास और ग्राम्य विकास विभाग के सहयोग से स्थायी उचित दर दुकानों का निर्माण कराने और उचित दर दुकानों को घनी बस्तियों से बाहर निकालकर परिवहन योग्य स्थान पर स्थानान्तरित कराने के प्रयास शुरू किए जाएं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि दिव्यांगजन की सुरक्षा, विकास एवं प्रगति के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए हमारी सरकार सतत प्रयत्नशील है। उनके गरिमामय वन के लिए सभी जरूरी प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण प्रदान करने की सेवा को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाया जाए। दिव्यांगजन के लिए संचालित विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की जानी चाहिए। प्रत्येक जनपद में बचपन डे केयर सेंटर की स्थापना की जानी चाहिए। इस संबंध में आवश्यक प्रबंध किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि बचपन डे केयर सेंटरों में व्यवस्था अच्छी रहे।

प्रस्तुतीकरण के उपरान्त मंत्रिमण्डल के सदस्यों द्वारा अपने सुझाव भी दिए गए। प्रमुख सचिव महिला कल्याण मती अनीता मेश्राम ने महिला कल्याण विभाग, प्रमुख सचिव समाज कल्याण  हिमांशु कुमार ने समाज कल्याण विभाग एवं अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, प्रमुख सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण  सुभाष शर्मा ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन  सुरेश चन्द्रा ने श्रम एवं सेवायोजन विभाग तथा प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद मती वीना कुमारी मीना ने खाद्य एवं रसद विभाग तथा उपभोक्ता संरक्षण एवं बाट-माप विभाग के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिए।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य,  ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, मुख्य सचिव  दुर्गा शंकर मिश्र एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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