नई दिल्ली। जब कोरोना की दहशत से डरे पूरी दुनिया हुई थी। तो रूस ने न सिर्फ कोरोना की वैक्सीन बना ली थी बल्कि अप्रैल महीने में ही रूस की प्रमुख हस्तियों और अरबपतियों को इस वैक्सीन के डोज़ दिए जा चुके थे। ये हम नहीं कह रहे हैं। ये दावा अंतर्राष्ट्रीय मीडिया हाउस ब्लूमबर्ग का है ।
क्या है दावा?
ब्लूमबर्ग ने न सिर्फ रूस द्वारा वैक्सीन खोजे जाने और रूस की प्रमुख हस्तियों को डोज़ देने का दावा किया है बल्कि उसने दर्जनों ऐसे नाम भी बताए हैं जिन्हें वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी है। इनमें रूस की अल्यूमिनियम कम्पनी युनाइटेड को रसल के अधिकारियों और दूसरे अरबपतियों का ज़िक्र है। ब्लूमबर्ग ने तो वैक्सीन बनाने वाली संस्था का भी खुलासा किया है।
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जानें किसने बनाई वैक्सीन?
ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मॉस्को के सरकारी संस्थान गामालेया इंस्टिट्यूट ने वैक्सीन बना ली है। दावा यह भी है कि इस संस्था को रूसी सरकार सीधे फंड देकर मदद कर रही है और रक्षा मंत्रालय भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा है। रिपोर्ट की मानें तो गामालेया इंस्टिट्यूट ने ट्रायल के तौर पर रूस के कई बड़े लोगों को इस वैक्सीन का डोज़ दिया था, लेकिन उनके नाम गुप्त रखे गए हैं। खबर तो यह भी है कि वैक्सीन का रूसी सेना अधिकारियों पर भी ट्रायल किया गया जिसका पहला चरण कामयाब हुआ है।अब गामालेया इंस्टिट्यूट एक बड़े ग्रुप पर यह शोध कर सकता है।
रूसी राष्ट्रपति को लेकर अफवाह
गामालेया इंस्टिट्यूट के बारे में ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि संस्थान की बनी इस वैक्सीन का डोज़ खुद रूसी राष्ट्रपति को भी दिया गया है । इस बात को क्रेमलिन प्रवक्ता देमैत्री पेसोकोव ने अफवाह बताते हुए कहा कि यह तो किसी भी रिसर्च में नहीं किया जाता कि देश के सबसे बड़े नेता को ट्रायल के स्टेज पर ही कोई वैक्सीन दे दी जाए। उन्होंने कहा कि वह एक भी ऐसे व्यक्ति को नहीं जानते जिसे गामालेया इंस्टिट्यूट ने डोज़ दी हो। वहीं ब्लूमबर्ग ने दर्जनों ऐसे लोगों के ट्रायल में वैक्सीन के डोज़ लेने की पुष्टि की है और इस प्रोजेक्ट में सैंकड़ों लोगों के शामिल होने की बात भी कही है।