एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की एक विशेष अदालत ने सोमवार को एजेंसी की तरफ से दायर उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस अधिकारियों सचिन वाजे और इंस्पेक्टर सुनील माने को हिरासत में रखने की मांग की थी। विशेष अदालत के न्यायाधीश प्रशांत आर सित्रे ने हिरासत की मांग वाले एनआईए के आवेदन को खारिज कर दिया और वाजे को अपने खर्च पर ओपन हार्ट सर्जरी के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति दी।
वाजे ने अदालत की अनुमति मांगी थी क्योंकि सरकारी जेजे अस्पताल, जहां उनका दिल से संबंधित बीमारियों का इलाज किया जा रहा था, ने उन्हें तीन ब्लॉकेज को दूर करने के लिए तत्काल ओपन हार्ट सर्जरी कराने के लिए कहा था। गौरतलब है कि ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की मौत के बाद वाजे को 13 मार्च, 2021 को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
वाजे ने अदालत से यह कहते हुए निजी उपचार की अनुमति देने का अनुरोध किया कि वह आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता एवं पादरी स्टेन स्वामी की तरह हिरासत में मरना नहीं चाहता। एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले के आरोपी स्वामी की गत पांच जुलाई को स्वास्थ्य आधार पर जमानत की प्रतीक्षा के दौरान मृत्यु हो गई थी।
काबुल एयरपोर्ट के पास दागे गए पांच रॉकेट, IS ने ली ज़िम्मेदारी
पिछले शनिवार को याचिका दायर करते हुए संघीय एजेंसी ने कहा कि इसकी जांच अंतिम चरण में थी। इसने दो आरोपी पूर्व पुलिस अधिकारियों की हिरासत की मांग करते हुए दावा किया कि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे प्रदीप शर्मा और चार अन्य की गिरफ्तारी के बाद, एजेंसी को दो अपराधों में कुछ और लोगों के शामिल होने का संदेह था और उनसे पूछताछ करने की जरूरत थी। इस वक्त दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं और तलोजा जेल में बंद हैं।
एजेंसी ने कहा कि उन्होंने सचिन वाजे की 28 दिन की हिरासत का केस के लिए पूरा इस्तेमाल किया है और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत उनकी हिरासत के दो और दिन शेष हैं, और माने के मामले में 16 दिन और हैं। एजेंसी ने दावा किया, ‘वाजे और माने, दोनों (पूर्व) पुलिस अधिकारी होने के नाते जांच एजेंसी द्वारा गलत सुराग के साथ पूछताछ से बचने की चाल से अवगत थे। हालांकि, एजेंसी के पास कुछ आपत्तिजनक सामग्री है जिसका अभी उनसे आमना-सामना कराने की जरूरत है।’