माघ माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ (Sakat Chauth) के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन यदि माताएं संपूर्ण विधि-विधान के सा व्रत रखती है तो संतान हमेशा स्वस्थ्य रहती है और दीर्घायु होती है। सकट चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार सकट चतुर्थी व्रत 29 जनवरी को रखा जाएगा। व्रती महिलाएं इस तिथि को निर्जला व्रत रखती है और रात में चंद्रोदय के बाद अर्घ्य देकर व्रत को पूरा करती है।
सकट चतुर्थी व्रत बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में पूरे आस्था के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को लेकर यहां की महिलाओं में विशेष उत्साह देखने को मिलता है। बिहार और उत्तर प्रदेश में सकट चतुर्थी व्रत को कुछ स्थानों पर तिलवा चौथ और तिलकुट चौथ के रूप में भी जाना जाता है।
सकट चौथ (Sakat Chauth) का शुभ मुहूर्त
पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, माघ माह की सकट चौथ तिथि का शुभारंभ 29 जनवरी को सुबह 6.10 बजे पर होगा और इस तिथि का समापन 30 जनवरी को सुबह 8.54 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार सकट चतुर्थी व्रत 29 जनवरी को ही रखा जाएगा।
ऐसे करें सकट चतुर्थी (Sakat Chauth) व्रत की पूजा
– सकट चौथ के दिन महिलाओं को सुबह घर की सफाई के बाद जल्द स्नान करना चाहिए।
– भगवान गणेश का ध्यान कर सकट चतुर्थी व्रत पर निर्जला व्रत का संकल्प लें।
– महिलाएं यदि चाहे तो खिचड़ी मूंगफली और फलाहार कर सकती है।
– विधि-विधान के साथ भगवान गणेश की आराधना करें।
– भगवान गणेश को काले तिल और गुड़ से बना भोग लगाएं।
– गणेश पूजा के बाद आखिर में आरती उतारकर प्रसाद वितरण करें।