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सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों के मोक्ष के लिए करें ये काम

Writer D by Writer D
27/09/2024
in धर्म, Main Slider, फैशन/शैली
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Sarvapitra Amavasya

Sarvapitra Amavasya

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शास्त्रों में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या का महत्व बताया गया है। पितरों का इस अमावस्या में श्राद्ध किये जाने पर इस तिथि को सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं। इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है। पितरों की तिथि याद न होने पर सर्वपितृ अमावस्या (Sarvapitra Amavasya)  के दिन श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है। यह मोक्षदायिनी अमावस्या 2 अक्टूबर को है। मान्यता है कि अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या (Sarvapitra Amavasya) को पितृ अपने धाम लौट जाते हैं। पितृ परिवार की खुशहाली देखकर प्रसन्न होते हैं।

गाय को हरा चारा खिलाएं

श्राद्ध के आखिरी दिन उन पितरों के लिए कर्मकांड किये जाते हैं, जिनकी मृत्यु की तिथि परिजनों को मालूम नहीं होती है। इस दिन पितरों के आत्मा की शांति के लिए गोधूलि बेला में गाय को हारा चारा खिलाना भी फायदेमंद साबित हो सकता है।

संध्या के समय दीप जलाएं

पितृपक्ष के आखिरी दिन पिंडदान और तर्पण की क्रिया के बाद गरीब ब्राह्मणों को अपनी यथाशक्ति अनुसार दान देने से भी पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। संध्या के समय दो, पांच या 16 दीप भी जलाने चाहिए।

श्राद्ध विधि

– किसी सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण के जरिए ही श्राद्ध कर्म (पिंड दान, तर्पण) करवाना चाहिए।

– श्राद्ध कर्म में पूरी श्रद्धा से ब्राह्मणों को तो दान दिया ही जाता है साथ ही यदि किसी गरीब, जरूरतमंद की सहायता भी आप कर सकें तो बहुत पुण्य मिलता है।

– इसके साथ-साथ गाय, कुत्ते, कौवे आदि पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन का एक अंश जरूर डालना चाहिए।

– यदि संभव हो तो गंगा नदी के किनारे पर श्राद्ध कर्म करवाना चाहिए। यदि यह संभव न हो तो घर पर भी इसे किया जा सकता है। जिस दिन श्राद्ध हो उस दिन ब्राह्मणों को भोज करवाना चाहिए। भोजन के बाद दान दक्षिणा देकर भी उन्हें संतुष्ट करें।

श्राद्ध पूजा दोपहर के समय शुरू करनी चाहिए। योग्य ब्राह्मण की सहायता से मंत्रोच्चारण करें और पूजा के पश्चात जल से तर्पण करें। इसके बाद जो भोग लगाया जा रहा है उसमें से गाय, कुत्ते, कौवे आदि का हिस्सा अलग कर देना चाहिए। इन्हें भोजन डालते समय अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए। मन ही मन उनसे श्राद्ध ग्रहण करने का निवेदन करना चाहिए।

Tags: Sarvapitra AmavasyaSarvapitra Amavasya 2024Sarvapitra Amavasya date
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