इस साल आषाढ़ माह में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) मनाई जाएगी। गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु और मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ लक्ष्मी मां और चंद्रमा की उपासना करने का विधान है। गुरु पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया भी रहने वाला है। आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पर पूजन, स्नान-दान व भद्रा का मुहूर्त –
10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पर भद्रा का साया:
हिन्दू पंचांग के अनुसार, 10 जुलाई को भद्रा 05:31 ए एम से 01:55 पी एम तक रहेगा। इस दिन चन्द्रमा धनु राशि में रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चंद्रमा, कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में स्थित होता है, तब भद्रा का वास पृथ्वी लोक में माना जाता है। ऐसे में पृथ्वी पर भद्रा नहीं मान्य होगी।
जानें पूजा और स्नान-दान का शुभ समय:
आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जुलाई को 01:36 ए एम से होगी और इसके अगले दिन यानी 11 जुलाई को 02:06 ए एम पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) 10 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन शुभ – उत्तम 05:31 ए एम से 07:15 ए एम तक चौघड़िया मुहूर्त रहेगा। ये समय स्नान-दान और पूजा के लिए उत्तम रहेगा।
उपाय- पवित्र जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्रदेव की कृपा सदैव बनी रहती है। इससे मानसिक सुख-शांति भी बनी रहती है।
गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पूजा-विधि
– पवित्र नदी में स्नान करें या पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करें
– भगवान श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी का जलाभिषेक करें
– माता का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
– अब मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें
मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
– संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
– गुरु पूर्णिमा की व्रत कथा का पाठ करें
– श्री लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें
– पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें
– माता को खीर का भोग लगाएं
– चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें
– अंत में क्षमा प्रार्थना करें