मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट में जिस एंबुलेंस से पेश किया गया, उस एंबुलेंस का नंबर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के आरटीओ कार्यालय में दर्ज बताया गया। वहीं, हकीकत में यह एंबुलेंस पंजीकृत है ही नहीं। रजिस्ट्रेशन की मियाद समाप्त हो चुकी है। इतना ही नहीं जिस अस्पताल का नाम एंबुलेंस पर लिखा था वह भी फर्जी है।
अब इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने मुख्तार के मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि वह कुछ भी करा सकती हैं। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ पर कई मुकदमे दर्ज हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज आलम का कहना है कि तथ्य अपने आप सारी बातें बता रहे हैं। अगर सरकार सीरियस होती, उसकी नियत में कोई खोट नहीं होता तो इस तरह की गलती तो नहीं हो सकती थी। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि अस्पताल भी फर्जी निकल जाए, जिस एंबुलेंस से ले जाया जा रहा है, उसकी मियाद भी खत्म हो चुकी हो। कुछ न कुछ तो है कि सरकार ध्यान बंटाने के लिए ऐसा कुछ कर रही है।
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सरकार की ऐसी छवि बनी हुई है कि जिस दिन मुख्तार को लाना था, उस दिन से ही सोशल मीडिया पर यह बात चलने लगी कि कहीं विकास दुबे की तरह इनकी गाड़ी भी तो नहीं पलट जाएगी। शाहनवाज आलम ने कहा कि सरकार ने अपनी मंशा पूरी तरह सरेआम कर दी है। लोग उस पर बात करने लगे हैं। सरकार कोई भी काम कर रही है उसको संदेह की नजर से देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां तक इस घटना का सवाल है अगर ऐसा कुछ होता है, सरकार कुछ ऐसा करती है तो अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए किया जाएगा। यह न्याय प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश है। क्योंकि मुख्तार का अंडर ट्रायल चल रहा है। आपको जो भी पक्ष रखना है वहां पर रखिए। इस तरह की कोई साजिश हो रही है तो यह निश्चित तौर पर क्रिमिनल एक्ट है। उन्होंने कहा कि यह घटना निंदनीय है, इसकी जांच होनी चाहिए।
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जिस एम्बुलेंस का मामला तूल पकड़ रहा है, उसके बारे में बाराबंकी आरटीओ के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल के नाम से एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन बताया जा रहा है, वह मौजूद नहीं है। एंबुलेंस का नंबर यूपी 41 एटी 7171 है, जिसकी मियाद साल 2015 में खत्म हो चुकी है। एंबुलेंस की फिटनेस 2017 में समाप्त हो गई है।