बिहार। जब किसी बच्चे के पिता इस दुनिया को उसे बचपन में छोड़ कर चले गए हो तो आप समझ सकते हैं कि उस बच्चे का जीवन कितने संघर्षों से गुजरा होगा। आर्थिक संकट के कारण पढ़ाई लिखाई करके सफल होना एक चैलेंज सा बन गया है। लेकिन जब वैसे स्टूडेंट को नि:शुल्क पढ़ाकर कोई उनके सपने को पंख लगाता है तो वह समाज के लिए प्रेरणा बन जाता है। वैसे आर्थिक रुप से गरीब बच्चे चाहते हैं कि मुझे वैसे संस्था में पढ़ने का मौका मिले जहां उन्हें नि:शुल्क शिक्षा मिलता हो और जब वे नि:शुल्क कोचिंग से पढ़कर सफल हो जाए तो उन्हें किसी सरकारी कॉलेज से अपने सपने को पूरा करने का मौका मिले तो इससे प्रेरणादायक बात कुछ नहीं हो सकता है।
बिहार के किसी अच्छे कॉलेज से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा यानि पॉलिटेक्निक ( polytechnic exam) करना जब किसी स्टूडेंट का सपना होता है और वह साकार हो जाता है तो खुशी कई गुना बढ़ जाता है, जिसमे आप प्रवेश लेकर एक अच्छा सा CARRIER बना सकते हैं|
आपको बताते चलें कि बिहार राज्य के भोजपुर जिले के रहने वाले शिव शंभू राय (Shiv Shambhu ) के पिता मुझे बचपन में छोड़कर इस दुनिया से चले गए, शिव शंभू का पालन पोषण अपने नाना के यहां भाकुरा गांव में होता है।
सिर्फ ₹1 गुरु दक्षिणा में पढ़कर बिहार पॉलिटेक्निक परीक्षा में 220 रैंक अपनी काबिलियत और मेहनत के बल पर लाया जा सकता है,
शिव शंभू राय ने बेहतर रैंक लाकर बिहार के सरकारी पॉलिटेक्निक समस्तीपुर में नामांकन लिया। वह मैकेनिकल ब्रांच लेकर पढ़ाई कर रहा है। सफल होने के बाद अपने गुरु आरके श्रीवास्तव को ₹1 गुरु दक्षिणा दिया। वैसे आरके श्रीवास्तव पॉलिटेक्निक कॉलेज से डिग्री लेने में जो 3 वर्षों तक समेस्टर शुल्क लगेगा उसे भी दे रहे हैं।
बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 1700 शिक्षकों की नियुक्ति
बिहार के मैथेमैटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव से हर कोई भली भांति परिचित है। आरके श्रीवास्तव अब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में उनका नाम भी दर्ज है । आरके श्रीवास्तव आए दिन कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं जिससे वो चर्चा में बने रहते हैं। कोरोना काल के ऐसे मुश्किल समय में भी आरके श्रीवास्तव ने बच्चों को उनके समय का सदुपयोग करने के लिए उनको ऑनलाइन पढ़ाया।
लेते हैं सिर्फ 1 रुपया गुरू दक्षिणा
आरके श्रीवास्तव अब बिहार ही नहीं बल्की पूरी देश की एक बड़ी शख्सियत हैं। आपको बताते चले की बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज के रहने वाले वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर आरके श्रीवास्तव सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर सैकड़ों आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को आईआईटी ,एनआईटी, पॉलिटेक्निक , बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सफ़लता दिलाकर उनके सपने को पंख लगा चुके हैं।