उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज वर्चुअल ट्रेड फेयर का उदघाटन करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश देश में निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी स्थान रखता है।
भारत के कुल निर्यात में उत्तर प्रदेश की सहभागिता 4.55 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश से 45 प्रतिशत हस्तशिल्प, 39 प्रतिशत कालीन तथा 26 प्रतिशत चर्म उत्पादों का निर्यात किया जाता रहा है। विगत तीन वर्षों में 38 प्रतिशत वृद्धि के साथ निर्यात 84 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.20 लाख करोड़ रुपये का हुआ है। आगामी तीन वर्षों में प्रदेश से 03 लाख करोड़ के निर्यात का लक्ष्य है, जिसे प्राप्त करने के लिए कारगर नीतियों तथा संस्थागत हस्ताक्षेपों पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य से होने वाले निर्यात में इंजीनियरिंग तथा खेलकूद सामग्री, रक्षा उपकरणों, कृषि प्रसंस्कृत उत्पादों को विशेष प्राथमिकता दी जायेगी।
श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई निर्यात प्रोत्साहन पालिसी 2020-25 के तहत प्रदेश से होने वाले निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई प्रभावी संस्थागत हस्ताक्षेपों तथा वित्तीय प्रोत्साहनों की व्यवस्था की गई है। निर्यात प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है। निर्यातकों के अनिवार्य प्रमाणीकरण पर किये गये व्यय का 50 प्रतिशत अधिकत्म 02 लाख रुपये प्रति इकाई प्रतिवर्ष देने का प्रावधान किया गया है। गेटवे पोर्ट तक निर्यात हेतु भेजे गये माल भाड़े के अनुदान में वृद्धि की गई है। साथ ही वायुवान भाड़ा युक्तिकरण योजना में अनुमन्य आर्थिक सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर प्रतिवर्ष प्रति इकाई पांच लाख रुपये किया गया है।
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श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के वोकल फार लोकल तथा लोकल फार ग्लोबल नीति तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इसके प्रभावी क्रियान्वयन के फलस्वरूप औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है। शिल्पकारों एवं दस्तकारों के सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन की दिशा में भी बेहतर काम हुआ है।
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नवनीत सहगल ने कहा कि यह फेयर मुख्य रूप से तीन श्रेणियों के उत्पादों के लिए आयोजित किया जा रहा है। 08 मार्च से 12 मार्च तक आयोजित पहले ट्रेड फेयर में टेक्सटाइल तथा सिले हुई वस्त्रों, 15 मार्च से 19 मार्च तक आयोजित दूसरे ग्लोबल शो में कालीन, दरी, चर्म उत्पाद तथा जूते-चप्पल एवं 22 मार्च से 26 मार्च तक आयोजित तीसरे शो में घरेलू एवं सौन्दर्य प्रसाधन से जुड़े उत्पादों का प्रदर्शन किया जायेगा। प्रत्येक ट्रेड फेयर में 100 से अधिक निर्यातक भाग लेंगे।
अनेक जनपदों से विभिन्न उत्पादों का निर्यात किया जाता रहा है। इनमें मिर्जापुर की कालीन, फिरोजाबाद के शीशे के सामान, गोरखपुर के टेराकोटा के सामान, खुर्जा की पाॅटरी, आगरा और कानपुर के चर्म उत्पाद, गाजियाबाद तथा नोएडा के रेडीमेड गारमेंट्स जैसे उत्पाद शामिल हैं।
उन्हांने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में उद्योगों और उत्पादकों के लिए प्रदेश में बेहतर वातावरण सृजित हुआ है, जिससे प्रदेश में देश तथा विदेश से अनेक उद्योगपति निवेश में उत्साह दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते कोविड के दौरान भी प्रदेश से एक्सपोर्ट होता रहा है। हस्तशिल्पियों दस्तकारों के उत्पादों के गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए योजनाएं चलाई गई। उत्तर प्रदेश से निर्यात किये जाने वाले 18 जनपदों के 28 उत्पादों को जी0आई0 टैग प्राप्त हुए है। उन्होंने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद योजना से आच्छादित 80 प्रतिशत उत्पाद प्रदेश के निर्यात का प्रतिनिधित्व करते हैं।