सहकारिता विभाग में भर्तियों में बडे़ पैमाने पर हुई गड़बड़ी के मामले में एसआईटी ने सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के पूर्व अध्यक्ष रामजतन यादव और भंडारण निगम के पूर्व अध्यक्ष ओमकार यादव पर एफआईआर दर्ज की है। रामजतन और ओमकार के साथ ही कई अधिकारियों और कर्मचारियों को भी एसआईटी ने आरोपी बनाया है। एसआईटी ने इस मामले में कुल 6 मुकदमे दर्ज किए हैं।
शासन के निर्देश पर एसआईटी पिछले काफी समय से भर्ती घोटाले की जांच कर रही थी। एसआईटी ने पुख्ता सुबूत जमा करने के बाद 6 मुकदमे दर्ज कराए हैं। इनमें से 5 मुकदमों में रामजतन यादव को आरोपी बनाया गया है।
यूपी राज्य भंडारण निगम में वर्ष 2013 में हुई 69 पदों पर भर्ती में गड़बड़ी पर भंडारण निगम के तत्कालीन एमडी ओमकार यादव, सेवा मंडल के तत्कालीन सचिव भूपेंद्र कुमार, डाटाट्रेक्स कंप्यूटर एजेंसी के संचालक नीलम पांडे और कई अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को नामजद किया गया है। एसआईटी जांच में खुलासा हुआ कि फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर भर्तियां की गई थीं।
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2012 से 2017 के बीच 30 पदों के लिए हुई भर्ती में कथित घोटाले में तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव, सचिव राकेश कुमार मिश्रा, सदस्य संतोष कुमार, कंप्यूटर एजेंसी एक्सेस टेक्नोलॉजी के राम प्रवेश यादव और अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को नामजद किया गया है। 519 भर्तियों में गड़बड़ी पर तीसरी एफआईआर दर्ज हुई है। चौथी एफआईआर 313 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट में गड़बड़ी को लेकर है।
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इसी तरह बाकी दो मुकदमों में भी रामजतन यादव और अन्य को आरोपी बनाया गया है। जांच में सामने आया है कि बिना टेंडर के ही कंप्यूटर एजेंसी को चुना गया जिसने परीक्षा की प्रक्रिया पूरी करवाई थी।