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सोमवती अमावस्या के दिन करें पितरों का तर्पण, मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद

Writer D by Writer D
13/12/2024
in धर्म, फैशन/शैली
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Amavasya

Amavasya

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हिंदू धर्म ग्रंथों में पूर्णिमा और अमावस्या (Amavasya) ये दोनों ही तिथियां विशेष महत्व रखती हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा और अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान और दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार, जो कोई भी पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पर पवित्र नदी में स्नान और फिर दान करता है उसे पुण्य फल प्राप्त होते हैं। इस साल पौष महीने मे पड़ने वाली अमावस्या बेहद महत्वपूर्ण है।

पौष महीने मे पड़ने वाली अमावस्या (Amavasya) सोमवार को है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जब भी कोई अमावस्या सोमवार को होती है, तो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। सोमवती अमावस्या पर भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती का पूजन किया जाना चाहिए। इस दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा से विशेष फल प्राप्त होता है।

इसके साथ ही सोमवती अमावस्या पर पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाना चाहिए। ऐसा करने से पूर्वज आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इसलिए आइए हिंदू पंचांग के अनुसार जानते हैं कि इस साल की आखिरी अमावस्या किस दिन है। साथ ही अमावस्या के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है।

कब है साल की आखिरी अमावस्या (Amavasya) ?

पंचांग के अनुसार, पौष महीने या इस साल की आखिरी अमावस्या (Amavasya)  30 दिसंबर को है। इस दिन सोमवार पड़ रहा है। 30 दिसंबर को अमावस्या की तिथि तड़के 4 बजकर 1 मिनट पर शुरू हो जाएगी। वहीं अमावस्या की तिथि 31 दिसंबर को तड़के 3 बजकर 56 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के मुताबिक, साल की आखिरी अमावस्या 30 दिसंबर को ही होगी।

स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

साल की आखिरी अमावस्या के दिन स्नान- दान करने के लिए बह्म मुहूर्त सबसे उत्तम है। ये मुहूर्त सुबह 5 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह के 6 बजकर 19 मिनट तक है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर के 12 बजकर 3 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 45 मिनट तक है। पौष महीने की इस अमावस्या के दिन वृद्धि का जो योग है वो सुबह से लकर शुरू है और रात के 8 बजकर 32 मिनट तक है।

सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) का महत्व

अमावस्या की तिथि अगर सोमवार को पड़ रही है, तो वो और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने वाले शुभ फलों को प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही घर में सुख और समृद्धि का वास बना रहता है। इसके अलावा अमावस्या पर जो भी पितरों का तर्पण और पिंडदान करता है वो पृतदोष से मुक्त हो जाता है।

Tags: Somvati Amavasya daanSomvati Amavasya DateSomvati Amavasya Kab HaiSomvati Amavasya muhurat
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