पूर्वांचल बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ आज उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारी-अधिकारी हड़ताल पर चले गए हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया, चंदौली, आजमगढ़, मऊ, मिर्जापुर समेत कई जिलों की बत्ती गुल हो गई है।
चंदौली में भी बिजली विभाग के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है। विभाग के कर्मचारियों ने जिले के दीनदयाल उपाध्याय नगर के चंदासी स्थित पावर हाउस पर ताला लगा दिया और बिजली आपूर्ति ठप कर दी है। दीनदयाल उपाध्याय नगर सहित इलाके के दर्जनों गांव अंधेरे में डूब गए हैं। जानकारी के मुताबिक मऊ, आजमगढ़, देवरिया और मिर्जापुर समेत कई जिलों में बत्ती गुल है।
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हड़ताली कर्मचारियों ने बिजली विभाग के कार्यालय में दीवार पर लिखे गए अधिकारियों-कर्मचारियों के मोबाइल नंबर भी काली स्याही से मिटा दिए। जिला प्रशासन ने सभी उपकेंद्र पर अन्य विभागों के कर्मचारियों को तैनात किया है। दीनदयाल उपाध्याय नगर के चंदासी पावर हाउस पर तैनात लेखपाल त्रिलोकी नाथ ने कहा कि बिजली आपूर्ति पर नजर रखने के लिए भेजा गया, लेकिन यहां ताला लटका मिला। तैनात प्रोबेशन अधिकारी भी मौजूद हैं. बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से ठप है।
वहीं, हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने का जो फैसला किया है, वह सही नहीं है। हड़ताली कर्मचारियों ने सरकार को कर्मचारी संगठनों के साथ 5 अप्रैल 2018 को इस विषय पर हुए समझौते का पालन करना चाहिए।
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गौरतलब है कि ऊर्जा प्रबंधन को लेकर हुए इस समझौते में प्रावधान था कि निजीकरण से संबंधित कोई भी निर्णय लेने के पहले सरकार कर्मचारियों को विश्वास में लेगी और बिना विश्वास में लिए कोई भी फैसला नहीं करेगी।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति चंदौली के संयोजक नरेंद्र गोपाल शुक्ला ने आरोप लगाया कि सरकार कर्मचारियों को विश्वास में लिए बगैर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करने पर आमादा है। विद्युत इंजीनियर संघ के सर्वेश पांडेय ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का आदेश वापस लिए जाने तक हम कार्य बहिष्कार करेंगे।