हिन्दू पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) अमावस्या तिथि को लगता है। इस साल 2 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। इस दिन सर्वपित-अमावस्या है। इस दिन सभी भूले बिसरे पितरों का श्राद्ध या जिनकी तिथि मालूम न हो, उनका श्राद्ध किया जाता है और पितरों को विदा किया जाता है। इस साल सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर आश्विन मास की अमावस्या को की रात को लगेगा। सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों के मन में कई सवाल रहते हैं। यहां हम आपको बताएंगे कि किस सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) का सूतक लगता है और सूतक कब-कब मान्य होता है।
सबसे पहले आपको बता दें कि ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है। इस दौरान न कुछ खाया जाता है और न ही पिया जाता और न ही पूजा पाठ की जाती है। अगर बहुत जरूरी हो तो तुलसी का पत्ता डालकर बीमार और बच्चे खाना और भोजन कर सकते हैं। इस दौरान पूजा नहीं की जाती है।
कब-कब होता है सूतक
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) और चंद्र ग्रहण से पहले सूतक लगता है, अगर वो ग्रहण आप जहां रहते हैं, वहां दिख रहा हो या लग रहा हो। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा है, इसलिए इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा। सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है। इस समय को अशुभ माना जाता है। इस समय वातावरण में नेगेटिव एनर्जी होती है। इस समय राहु और केतू की एनर्जी बहुत तेज होती हैं। इसलिए इस समय खाने और पीने से परहेज करते हैं।
मंदिरों के पट बंद हो जाते हैं और फिर ग्रहण की शुद्धि के बाद ही साफ-सफाई के बाद मंदिरों के पट खोले जाते हैं। वैसे ग्रहण के अलावा भी सूतक काल लगता है, जब घर में कोई जन्म लेता है और किसी की मृत्यु हो जाती है, ऐसे में परिवार के लोग पूजा पाठ में शामिल नहीं हो सकते हैं। शुद्धि होने के बाद ही वापस पूजा पाछ शुरू किए जाते हैं।
कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण (Surya Grahan)
भारतीय समय के अनुसार सूर्य ग्रहण रात में लगेगा, जो देश में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण दुनिया के पश्चिमी देशों अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड, अर्जेंटीना, ब्राजील, कुक, फिजी, आइसलैंड और आर्कटिक में दिखाई देगा।