नई दिल्ली। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और रिया चक्रवर्ती के मामले की सुनवाई करते हुए मुंबई पुलिस को फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई कि उसने बिहार पुलिस के ऑफिसर को मुंबई पहुंचते ही क्वारंटीन किया है। कोर्ट ने कहा कि ये सही संदेश नहीं देता है। पुलिस ऑफिसर अपनी ड्यूटी पर गया था। आपकी तमाम कार्रवाई पेशेवर तरीके से होनी चाहिए था। साक्ष्यों को प्रोटेक्ट करें।
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सुप्रीम कोर्ट ने कड़े लहजे में इस आत्महत्या मामले में साक्ष्य नहीं मिटाने का निर्देश मुंबई पुलिस को दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने तीन दिन में अभी तक किए गए मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस को जांच का रिपोर्ट सबमिट करने का आदेश दिया है।
बिहार सरकार की तरफ से मुकुल रोहतगी ने रखा पक्ष
कोर्ट इस मामले में अगले सप्ताह फिर से सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश राय की सिंगल बेंच में रिया चक्रवर्ती की याचिका को11वें नंबर पर सूचीबद्ध किया गया था। बिहार सरकार की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा। सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट विकास सिंह और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट आर बसंत ने पक्ष रखा।
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने रिया चक्रवर्ती के खिलाफ बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर थाने में एआईआर दर्ज करायी थी।
रिया के वकील ने सीबीआई जांच पर उठाए थे सवाल
उन्होंने रिया पर कई गंभीर आरोप लगाए थे इसके बाद रिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। रिया ने सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरण याचिका दायर की। रिया ने बिहार में दर्ज केस को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की थी। रिया के वकील ने CBI जांच की सिफारिश पर सवाल उठाए थे।
रिया के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसमें कहा गया था कि इस केस की जांच करना बिहार पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में जारी रहेगी। इस केस में बिहार पुलिस के जुड़ने का कोई कानूनी आधार नहीं है। ज्यादा से ज्यादा ये जीरो एफआईआर होगी। इसे मुंबई पुलिस को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।