काठमांडू। हिंसक विरोध प्रदर्शन और पीएम ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल की कमान अब सुशीला कार्की (Sushila Karki) के हाथों में आ गई है। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में देश की पहली महिला पीएम के रूप में शपथ ली। फिलहाल वो नेपाल की अंतरिम पीएम हैं। देश में सोशल मीडिया पर पाबंदी लगाने के बाद वहां की युवा पीढ़ी सड़क पर उतर आई थी और जमकर बवाल मचाया। संसद से लेकर सड़क तक हंगामा, तोड़फोड़ और आगजनी की। इसके बाद पीएम ओली को इस्तीफा देना पड़ा।
सूत्रों को मुताबिक नेपाल की राजनीतिक दलों के बीच संसद को भंग करने पर भी सहमति बन गई है। संसद भंग होने के मतलब है कि वहां आगे चलकर जब हालात सामान्य हो जाएंगे तो चुनाव भी कराए जाएंगे।
नेपाल की प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देवराज घिमिरे और ऊपरी सदन राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण दाहाल ने शुक्रवार को आह्वान किया कि मौजूदा राजनीतिक गतिरोध को संविधान के दायरे में रह कर सुलझाया जाना चाहिए। घिमिरे और दाहाल का संयुक्त बयान ऐसे दिन आया है जब राष्ट्रपति कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही थी। इसी बैठक में सुशीला कार्की (Sushila Karki) को देश का अंतरिम पीएम बनाने पर भी सहमति बनी।
हिंसक प्रदर्शन में 51 लोगों की मौत
नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध के खिलाफ हुए जेन जेड प्रदर्शन में एक भारतीय नागरिक सहित कम से कम 51 लोगों की मौत हुई है। साल 1997 से लेकर 2012 तक के बीच जन्में युवाओं को आम तौर पर जेन जेड पीढ़ी के नाम से जाना जाता है। युवाओं का कहना था सरकार सोशल मीडिया पर पाबंदी लगाकर देश में तानाशाही लाना चाह रही है।
हालांकि, युवाओं के प्रदर्शन के बाद नेपाल की ओली सरकार को कदम पीछे खिंचना पड़ा और पाबंदी को हटानी पड़ी। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए ओली को भी इस्तीफा देना पड़ा।