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ज्ञान की अलख जलाने की ‘जिद’, शिक्षक ने पूरे गांव को बना दिया पाठशाला

Writer D by Writer D
05/09/2022
in Main Slider, मध्य प्रदेश, राष्ट्रीय, शिक्षा
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Teacher Dinesh Mishra

Teacher Dinesh Mishra

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भोपाल। कोरोना का संकटकाल आया तो उस समय शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई थी।  तब कुछ लोग ऐसे थे जो शिक्षा की मशाल लेकर ज्ञान की अलख जगाने और लॉकडाउन में भी बच्चों की पढ़ाई पूरी कराने घर से निकल पड़े थे। इसी संकल्प को लेकर जबलपुर के एक शिक्षक (Teacher) ने अपना फर्ज पूरा किया और गांव-गांव जाकर बच्चों को पढ़ाया। इतना ही शिक्षक ने एक पूरे गांव को ही स्कूल में तब्दील कर दिया। शिक्षक दिवस (Teacher’s day) पर जानिए जबलपुर के टीचर दिनेश मिश्रा की कहानी।

गांव में स्थित स्कूलों में शिक्षा का हाल अमूमन हर किसी से छुपा नहीं है। कुछ गांवों को छोड़ दें तो अमुमन हर जगह की कहानी एक ही है। लेकिन मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में एक ऐसा गांव भी है, जिसे एक शिक्षक (Teacher) ने शिक्षा का ऐसा बहुमूल्य तोहफा दिया है, जो पूरे गांव के लिए वरदान बन गया है।

पूरा गांव ही अपने आप में स्कूल

दरअसल अब यह पूरा गांव ही अपने आप में स्कूल बन गया है। गांव की जिस भी गली में आप निकलेंगे आप को सिर्फ शिक्षा से भरा माहौल और तस्वीरें नजर आएंगी। यह गांव है धरमपुरा, जो संस्कारधानी जबलपुर से 40 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां की हर एक दीवार शिक्षा की अलख जगाती है।

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बता दें कि कोरोना की वजह से दो सालों से स्कूलों में ताले पड़े रहे। शहरी इलाकों में तो छात्र-छात्राओं ने जैसे-तैसे अपनी पढ़ाई पूरी कर ली, लेकिन समस्या ग्रामीण इलाकों की थी, जहां पर्याप्त संसाधन ना होने की वजह से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई लगभग खत्म ही हो चुकी थी। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों के बंद होने पर डीजी-लैप एप्लीकेशन की मदद से स्कूली बच्चों को ऑनलाईन पढ़ाने की व्यवस्था तो बनाई, लेकिन जबलपुर के आदिवासी बहुल शहपुरा ब्लॉक में बच्चों या उनके माता-पिता के पास स्मार्टफोन ही नहीं थे।

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शिक्षक दिनेश मिश्रा (Teacher Dinesh Mishra) बने मिसाल

इस दौरान शासकीय शिक्षक दिनेश मिश्रा ने लॉकडाऊन में बच्चों को पढाई से जोड़े रखने की योजना बनाई। अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए दिनेश सप्ताह में दो से तीन दिन धरमपुरा प्राथमिक स्कूल से लगे गांवों में जाते और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बच्चों को पढ़ाते हैं। सरकार ने रेडियो के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई को शुरू किया तो शिक्षक दिनेश (Teacher Dinesh) ने अपने खर्चे पर रेडियो खरीद कर गांव के बच्चों को बांटे। यहां तक की गांव में स्मार्टफोन रखने वालों को भी चिन्हित किया और उन्हें इस बात के लिए मना लिया कि वो कुछ देर के लिए बच्चों को ऑनलाईन पढाई के लिए अपना मोबाइल इ्स्तेमाल करने दें।

शिक्षा को हर बच्चे तक पहुंचाने की 'जिद', एक शिक्षक ने पूरा गांव ही बना दिया स्कूल

शिक्षक दिनेश मिश्रा का कहना है कि कोरोना संकटकाल में बच्चों को पढाई से जोड़े रखने और अपना धर्म निभाने के लिए वो ऐसा कर रहे हैं, जिससे उन्हें अंदरुनी खुशी और संतोष मिलता है। दिनेश मिश्रा ने धरमपुरा गांव की तस्वीर ही बदल दी है। हर दीवार को शिक्षाप्रद बना दिया। सरकारी शिक्षक की इस अनोखी पहल की हर कोई तारीफ कर रहा है। विशेष तौर पर नौनिहाल बच्चे मास्टर जी की इस सोच पर फिदा हो गए हैं।

कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे: दिनेश

शिक्षक दिनेश मिश्रा बताते हैं कि कोरोना काल में जब उन्होंने मोहल्ला क्लास लगाना शुरू किया तो सभी बच्चे पढ़ने के लिए एकत्रित नहीं हो पाते थे। इसकी बड़ी वजह यह थी कि गांव में सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग के लोग हैं। जो ईट भट्टा खेतों में काम के लिए सुबह से निकल जाते हैं और अपने साथ बच्चों को भी काम के लिए ले जाते हैं। इसी को देखते हुए शिक्षक के मन में विचार आया कि गांव का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए, जिसके लिए उन्होंने गांव की हर दीवार को शिक्षाप्रद बनाने का विचार किया।

शिक्षक की जरूरत

अब शिक्षक दिनेश मिश्रा के काम की सराहना पूरे जबलपुर में हो रही है। हर कोई कह रहा है कि ऐसे ही शिक्षक की जरूरत आज हर स्कूल में है। लोगों का मानना है कि इस तरह के शिक्षक अगर पूरे देश में हो जाएं तो सरकारी विद्यालयों का कायाकल्प हो जाएगा। शिक्षक दिनेश कुमार मिश्रा के इस कार्य ने देश के भावी भविष्य को तरासने के साथ ही गुरू का मान बढ़ाया है।

Tags: bhopal newsJabalpur Newsmp newsNational newsteacher's dayTeacher's Day 2022Teacher's Day celebration
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