कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में इनकम टैक्स अधिकारी के शव (Dead Body) को परिवार ने डेढ़ साल तक न सिर्फ घर में रखा, बल्कि पूरा परिवार उसके साथ सो भी रहा था।
परिवार ने लोगों को बताया था कि आयकर अधिकारी कोमा में है। हालांकि, सच्चाई यह है कि अस्पताल ने डेढ़ साल पहले ही उनका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया था। जैसे ही ये खबर इलाके में फैली, हड़कंप मच गया।
घर में डेढ़ साल से शव (Dead Body) होने की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम स्थानीय पुलिस के साथ मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेने के बाद जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि शव को ममी की तरह बनाकर कपड़ों में कसकर लपेटा गया था।
अस्पताल ने जारी कर दिया था डेथ सर्टिफिकेट
जानकारी के मुताबिक, रोशन नगर निवासी विमलेश कुमार इनकम टैक्स में कार्यरत थे। उन्हें अप्रैल 2021 में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था और उनका डेथ सर्टिफिकेट भी उनके परिवार वालों को दे दिया गया था।
शव को घर लाने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही थीं। इस दौरान अचानक परिजनों ने यह कहकर अंतिम संस्कार स्थगित कर दिया गया कि मृतक को होश आ गया है। इसके बाद करीब डेढ़ साल से मृतक का शव घर के अंदर एक पलंग पर रखा गया था।
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परिजन लोगों से बताते रहे कि विमलेश कोमा में हैं। मगर, एक दिन पहले जब आयकर विभाग द्वारा जांच के लिए कानपुर के सीएमओ कार्यालय को एक पत्र भेजा गया, तो आज शुक्रवार को पूरे मामले का खुलासा हो गया है।
आस-पास के लोगों को जैसे ही ये जानकारी हुई, तो वे यह जानकर हैरान रह गए। आजमगढ़ थानाध्यक्ष को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम घर पहुंची। परिवार ने उसे शव मानने से इनकार कर दिया और इस बात पर अड़ा रहा कि वह अब भी जिंदा हैं।
इसके बाद डेढ़ साल पुराने शव को मेडिकल टीम ने हैलट अस्पताल में जांच के लिए भेज दिया। इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव ले गए।
मृतक के पिता ने कहा, ‘अप्रैल 2021 में बेटा बीमार था, इसलिए हम उसे अस्पताल ले गए। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मगर, जब हम उसे घर ले आए, तो हमने देखा कि उसकी नब्ज चल रही थी। उसकी दिल की धड़कन भी थी, इसलिए हमने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया।’