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बंदूक से चली गोली जिसने 20 साल तक किया अपने शिकार का इंतजार और आखिर में…, जानिए ये दिलचस्प किस्सा

इतिहास के कई ऐसी घटनाएं जो हमें असंभव लगती है लेकिन वास्तव में सच होती है इतिहास ऐसी कई कहानियों से भरा पड़ा है। जिसमें किसी की छोटी सी गलती की वजह से इतिहास को भारी कीमत चुकानी पड़ी हो। आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी के बारे में बताने वाले हैं, यह कहानी है हेनरी जिग्लैंड की।

हेनरी जिग्लैंड Taxas के Honey grove  प्रांत का रहने वाला एक लकड़ी का व्यापारी था। इसी गांव में दो भाई बहन रहा करते थे। हेनरी जिग्लैंड ने बहला-फुसलाकर उस लड़की को अपने प्यार के जाल में फंसाया, शादी का वादा किया एवं जन्म जन्म तक साथ रहने की कसमें खाई, और उस लड़की ने हेनरी जिग्लैंड को ही अपना सबकुछ मान लिया। लेकिन जब लोग उनके बारें मे तरह तरह की बातें करने लगे तो उस लड़की ने हेनरी जिग्लैंड पर शादी करने का दबाव बनाया। लेकिन हेनरी जिग्लैंड ने शादी से साफ इन्कार कर दिया।

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हेनरी जिग्लैंड के द्वारा शादी से इन्कार करने के बाद उस लड़की ने अपने आप को ठगा हुआ महसूस किया। एवं लोक लाज के डर से उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

उस लड़की के भाई को उसकी मौत का बहुत गहरा सदमा लगा। वह कई दिनों तक इस सदमे से बाहर नहीं आ पाया और अंत में उसने अपनी बहन के कातिल हेनरी जिग्लैंड से बदला लेने की सोची।

एक दिन जब हेनरी जिग्लैंड लकड़ी काटने के लिए जंगल की तरफ जा रहा था तो उस लड़की के भाई ने बिना उसके ध्यान में आए उसका पीछा किया। काफी देर तक पीछा करने के बाद हेनरी जिग्लैंड, एक बड़े से पेड़ के पास रुका और मौका पाकर उस लड़की के भाई ने अपनी बंदूक निकाली और हेनरी जिग्लैंड के सिर पर निशाना लगाते हुए गोली दाग दी और वह गोली हेनरी जिग्लैंड को लगती हुई पीछे एक बड़े से पेड़ में जा घुसी। हेनरी जिग्लैंड को लहूलुहान देखकर उसे मरा समझकर उस लड़की का भाई वापस घर आ गया।

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लेकिन कुछ दिनों बाद उसे अपने किए अपराध को लेकर बहुत ही ग्लानि  महसूस हुआ। उसे बुरे सपने आने लगे एवं सपने में हेनरी जिग्लैंड का लहूलुहान चेहरा उसके सामने आने लगा। वह ठीक से सो भी नहीं पाता था और अंत में उसने भी अपनी बहन की ही तरह आत्महत्या कर ली।

लेकिन इस कहानी का सबसे रोचक भाग यह है कि जिस अपराध बोध में उस लड़के ने आत्महत्या की वह अपराध असल में हुआ ही नहीं था क्योंकि वह गोली हेनरी जिग्लैंड के गाल को छूकर निकल गई थी. वह मरा नहीं था। लेकिन कहते हैं ना बुरे कर्मों का फल बुरा ही होता है, यहां भी ऐसा ही हुआ।

उस हादसे के लगभग 20 सालों बाद हेनरी जिग्लैंड वापस उसी जंगल में उसी स्थान पर लकड़ी काटने के लिए गया और उसी पेड़ को काटने लगा जिसमें 20 साल पहले चलाई हुई गोली फँसी हुई थी। काफी मशक्कत के बाद जब वह पेड़ नहीं कटा, तो हेनरी जिग्लैंड ने उसे डायनामाइट बम से उड़ाने का निर्णय लिया।

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जैसे ही उसने पेड़ में डायनामाइट लगाकर उसे ब्लास्ट किया उस पेड़ में फंसी हुई गोली ब्लास्ट के साथ ही हेनरी जिग्लैंड को जा लगी एवं वहीं पर उसकी मृत्यु हो गई।

यह इतिहास के कुछ चुनिंदा coincidences में से एक है, जिसमें बंदूक से चली एक गोली जिसने 20 वर्षों तक अपने शिकार का इंतजार किया और आखिर में उसे मार गिराया और अपना बदला पूरा किया।

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