प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान अपनी सरकार की आर्थिक नीति को सफल बताते हुए कहा कि इससे संकट से उबरा जा सका तथा आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा मिला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने करेंसी नोट छापने और उसे खैरात की तरह अंधाधुंध तरीके से लोगों में बांटने की नीति नहीं अपनाई। इसके लिए अर्थशास्त्रियों ने उनकी आलोचना भी की लेकिन आज पूरी दुनिया उनकी सरकार के इस आर्थिक मॉडल की प्रशंसा कर रही है। सरकार की आर्थिक नीति के कारण देश को कोरोना से उत्पन्न संकट से उबारा जा सका तथा देश में आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा मिला।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपालों और उपराज्यपालों के 51वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल केंद्र और राज्यों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल कार्यालय को सक्रिय रहना चाहिए तथा जनता की आशाओं अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे राज्यों और तटवर्ती राज्यों के राज्यपालों से आग्रह किया कि वे दूरदराज के सीमावर्ती गांवों का दौरा करें तथा वहां के लोगों के साथ कुछ समय गुजारें। उन्होंने कहा कि राज्यपालों को अपने राज्यों के दूरदराज गांव का भ्रमण करना चाहिए तथा जनसमस्याओं की जानकारी हासिल करनी चाहिए। साथ ही राज्यपालों को पड़ोसी राज्य के राज्यपालों के साथ भी नियमित संवाद करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम जैसे सीमावर्ती राज्यों में सीमा सुरक्षा बल का कार्य क्षेत्र बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है। केंद्र के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला किया गया है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यपालों के अपने यहां नियुक्त केंद्र सरकार के अधिकारियों से भी नियमित रूप से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के राज्यपालों के बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक संस्थागत प्रणाली होनी चाहिए। इसके जरिए किसी राज्य विशेष में चलाये जा रहे अच्छे काम की जानकारी मिल सकेगी तथा उनका अनुकरण संभव होगा।
मोदी ने सोशल मीडिया और प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि राज्यपालों को इसके जरिए अपने कामकाज को और सक्षम बनाना चाहिए। साथ ही इसके जरिए जनता से भी संपर्क कायम करना चाहिए। विशेष रूप से नमो ऐप का उल्लेख किया जो देशभर के विकास के बारे में उन्हें और अधिक जागरूक करने के लिए हर सुबह सकारात्मक समाचार देता है।
प्रधानमंत्री ने राज्यपालों से राज्य की यात्रा के बाद अपने अनुभवों को ‘मन की बात’ में साझा करने की सलाह देते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्यपाल की संस्था राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने उनसे संविधान की भावना के खिलाफ जाने के किसी भी प्रयास के प्रति सतर्क रहने को कहा। मोदी ने टीकाकरण अभियान में राज्यपालों का सक्रिय सहयोग मांगा और उनसे इसकी स्थिति के बारे में जानने के लिए लोगों और अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए रखने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने राज्यपालों से अपने सामाजिक संपर्क का विस्तार करने और लोगों में विश्वास जगाने के लिए उनसे मिलने का आग्रह किया।