मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमालय हमारा भविष्य एवं विरासत दोनों है। जीवन के सरोकारों के रक्षा के लिए सभी को आगे आना होगा। जल संरक्षण, संवर्धन और व्यापक स्तर पर पौधरोपण राज्य सरकार की प्राथमिकता में है।
हिमालय दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जारी संदेश में कहा है कि पर्यावरण संरक्षण हम उत्तराखण्डवासियों के स्वभाव में है।
उन्होंने कहा कि हरेला जैसे पर्व हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच को दर्शाते हैं। उत्तराखंड से वनों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन भी प्रकृति की प्रेरणा से संचालित हुआ था। पर्यावरण की वर्तमान एवं भविष्य की समस्याओं से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन की जरूरत है।
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उन्होंने कहा कि हिमालय संरक्षण के लिए इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत,नदियों एवं वनों का भी संरक्षण आवश्यक है। जीवन के सरोकारों से जुड़े हिमालय, हमारा भविष्य एवं विरासत दोनों है। हिमालय के सुरक्षित रहने पर ही इससे निकलने वाली सदानीरा नदियां भी सुरक्षित रह पाएंगी।
उन्होंने कहा कि हिमालय की इन पावन नदियों का जल एवं जलवायु पूरे देश को एक सूत्र में पिरोता है। गंगा एवं यमुना के प्रति करोड़ों लोगों की आस्था से भी यह स्पष्ट दिखाई देता है।