नई दिल्ली। देश भर में कोरोना वायरस के चलते बीते साल सिनेमाघर संचालकों को खासा नुकसान हुआ। हालांकि लॉकडाउन खत्म होने के बाद सिनेमाघरों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोला गया था, लेकिन अब खबर है कि सिनेमाघरों को पूरी तरह से खोलने का निर्णय लिया गया है।
Starting Feb 1, full occupancy will be allowed in cinema halls while following all COVID-related protocols. Online booking of tickets will be encouraged. Detailed guidelines have been released today: Union Minister of Information and Broadcasting, Prakash Javadekar pic.twitter.com/qQO8jU91E6
— ANI (@ANI) January 31, 2021
यह जानकारी रविवार को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी। उन्होंने बताया कि देश में 1 फरवरी से सिनेमा हॉल को 100 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित करने की अनुमति दी जा रही है। साथ ही सिनेमा हॉल में कोविड-19 संबंधित सभी दिशा निर्देशों का पालन भी किया जाएगा। प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सरकार ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन बुकिंग को प्रोत्साहित कर रही है। दो शो के बीच में थोड़ा समय रखा जाएगा, जिससे एकदम से भीड़ न हो।
तेज रफ्तार स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर पुलिया से टकराई, दो सैनिकों की मौत
Guidelines will be announced regarding their functioning soon: Union Minister of Information and Broadcasting, Prakash Javadekar
— ANI (@ANI) January 31, 2021
इसके अलावा प्रकाश जावड़ेकर ने ओटीटी को लेकर मिल रही शिकायतों पर भी संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि ओटीटी पर चलने वाले कुछ सीरियल के बारे में बहुत शिकायतें आई हैं उसका संज्ञान लिया गया है। ओटीटी की फिल्म, कार्यक्रम, डिजिटल अखबार पर प्रेस काउंसिल, केबल टेलीविजन, सेंसर बोर्ड का कानून लागू नहीं होता था। इनके संचालन के लिए जल्द ही सुचारू व्यवस्था की घोषणा की जाएगी।
We've received a lot of complaints against some serials available on OTT platforms. Films & serials released on OTT platforms &digital newspapers don't come under purview of Press Council Act, Cable Television Networks (Regulation) Act or Censor Board: Union Min Prakash Javadekar pic.twitter.com/irMrymxfan
— ANI (@ANI) January 31, 2021
बता दें कि हाल ही में गृह मंत्रालय ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सिनेमा हॉल को खोलने की इजाजत दी थी। जिसके तहत दो दर्शकों के बीच एक कुर्सी खाली रखने की अनिवार्यता थी। सिनेमा हॉल के पूरी क्षमता से नहीं खुलने के कारण फिल्म निर्माता फिल्मों को रिलीज करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। जिसके कारण सिनेमाघर संचालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा था।