वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के गंगा घाटों पर इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ को देखते हुए अब वाराणसी के सभी घाटों पर होने वाली नियमित आरतियों (Ganga Aarti) पर रोक लगा दी गई है। पहले 15 फरवरी तक ये रोक थी, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक के बाद इस रोक को 26 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है।
माघी पूर्णिमा से एक दिन पहले जब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ का दबाव शहर पर बढ़ा, तभी ये निर्णय हुआ था कि गंगा आरती (Ganga Aarti) सांकेतिक होगी और सिर्फ एक अर्चक ही ये सांकेतिक आरती करेगा। श्रद्धालुओं से ऑनलाइन के जरिए आरती से जुड़ने की अपील की गई थी।
महाकुंभ से काशी पहुंच रहे लोग
प्रयागराज महाकुंभ से पलट प्रवाह के जरिए जो लोग काशी आ रहे हैं, वो खासतौर पर गंगा आरती (Ganga Aarti) देखने के लिए शाम से ही घाट पहुंच जा रहे हैं। घाटों पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती (Ganga Aarti) के आयोजक गंगा सेवा निधि के सुशांत मिश्रा ने बातचीत के दौरान बताया कि महाकुंभ के पलट प्रवाह की वजह से लगातार श्रद्धालुओं का आना जारी है।
11 फरवरी से गंगा घाट पर सांकेतिक रूप से आरती (Ganga Aarti) को संपन्न कराया जा रहा है और अब प्रशासन के दिशा-निर्देश पर 26 फरवरी तक सांकेतिक रूप से ही गंगा आरती आयोजित की जाएगी । इसका तात्पर्य है कि एक अर्चक की ओर से मां भगवती की आरती होगी, जिसमें सीमित संख्या में लोगों की मौजूदगी होगी।
दिल्ली वाले सीएम योगी को खत्म करना चाहते हैं…, महाकुंभ पर बोले पूर्णिया सांसद पप्पू यादव
प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि घाटों पर सीमित जगह है और श्रद्धालुओं का भारी दबाव किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है लिहाजा आरती पर रोक 26 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है।
नावों के संचालन पर भी रोक बढ़ी
शाम छह बजे के बाद गंगा में नावों के संचालन पर भी रोक बढ़ा दी गई है। 15 फरवरी तक ये रोक पहले से ही थी। इसको भी 26 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है।डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल ने बताया कि शाम छह बजे के बाद गंगा में किसी भी तरह की नावों का संचालन नही होगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रख कर ये निर्णय हुआ है।जल पुलिस लगातार गश्त करते रहेगी और जो भी इसकी अनदेखी करेंगे उनके ख़िलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।