अयोध्या। योगी सरकार द्वारा दीपोत्सव (Deepotsav) कार्यक्रम की सारी तैयारी हो चुकी है। यहाँ निकलने वाली पारंपरिक शोभायात्रा की तैयारी तेजी से हो रही है। दीपोत्सव के दिन साकेत महाविद्यालय से शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए नया घाट चौराहे तक जाएगी। पिछली बार जहां 11 झाकियां (Tableaux) निकाली गई थीं, वहीं इस बार 16 झाकियां (Tableaux) निकाली जाएंगी। इन झांकियों में राम जन्मभूमि मॉडल, काशी कॉरिडोर, विजन 2047, 1090 तथा भगवान राम के जन्मकाल से लेकर राज्याभिषेक तक की यात्रा रहेगी।
दीपोत्सव में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रामायण कालीन शिक्षा पर आधारित सामाजिक संदेश देने वाली झांकी होगी। नगर भ्रमण करने वाली झांकियों से संबंधित कलाकार 16 रथ पर सवार होंगे, जो अपनी कला के जरिये रामायण कालीन दृश्यों को जीवंत करेंगे। इसके अलावा पूरे देश के विभिन्न जगहों के कलाकार रथ के आसपास नृत्य करते चलेंगे।
इस बार 11 झांकियां (Tableaux) सूचना विभाग की ओर से निकलेंगी। 5 झांकियां डिजिटल होंगी, जो पर्यटन विभाग की ओर से खुले ट्रकों पर निकाली जाएंगी। यह रामायण कालीन दृश्यों पर आधारित होंगी, जिसमें राम मंदिर का मॉडल और 2047 अयोध्या के विकास का मॉडल पेश किया जाएगा। अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी राम तीरथ ने बताया कि इस बार दीपोत्सव में कई राज्य के कलाकारों को शोभायात्रा में सहभागिता करने का अवसर मिलेगा। शोभायात्रा साकेत महाविद्यालय से सुबह 9 बजे निकलेगी, जो 1 बजे दीपोत्सव स्थल पहुंचेगी। झांकियों से जुड़ा रिहर्सल आज होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल का यह पहला दीपोत्सव है, जिसे भव्य और दिव्य बनाने के लिए तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही है। करीब 18 लाख दीप जलाकर राम की पैड़ी पर फिर विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
अयोध्या दीपोत्सव में रेत पर जीवंत होंगे रामायण कालीन प्रसंग
अयोध्या। अयोध्या दीपोत्सव को तैयारियां अंतिम चरण में हैं। अयोध्या की सौंदर्यीकरण में कोई कोर कसर न बाकी रहे इसके लिए एक तरफ जहां प्रशासन युद्धस्तर पर तैयारियों को पूरी कर रहा है। वहीं दूसरी ओर सरयू तट पर रेत पर रामायण कालीन सुंदर आकृतियां भी उकेरी जा रही हैं। रामायण कालीन चरित्रों का रेत के माध्यम से चित्रण अयोध्या सरयू तट पर स्थित श्श्कढ सरयू अतिथि गृह के सामने वाराणसी से आये काशी विद्यापीठ फाइन आर्ट्स विभाग के छात्रों द्वारा किया जा रहा है। काशी विद्यापीठ के फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट के छात्र रूपेश सिंह के नेतृत्व में 20 छात्रों का दल पिछले 2 दिनों से इस कार्य मे लगा हुआ है।
रूपेश सिंह ने बताया कि अयोध्या दीपोत्सव में सैंड आर्ट स्कल्पचर के प्रदर्शन का इस बार तीसरा अवसर है,इससे पहले भी 2020,2021 में उनके द्वारा इसी तरह का प्रदर्शन किया जा चुका है। रेत के माध्यम से उकेरी जा रही आकृतियों के बारे में रूपेश सिंह ने बताया कि उन्होंने यहां एक रामायण सीरीज के आधार पर कार्य किया है,इसमे सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी,फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कृति उकेरी जाएगी। इसके बाद भगवान राम के लंका विजय के बाद अयोध्या आगमन के समय से विभिन्न प्रसंगों को दिखाया जाएगा।
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उकेरी जा रही कलाकृतियों के क्रम में सबसे पहले भगवान राम के पुष्पक विमान से आगमन,इसके बाद केवट अनुराग का प्रसंग,तत्पश्चात भरत मिलाप व चरण वंदना के माध्यम से चरित्रों को कृति के माध्यम से जीवंत किया जाएगा। इसी क्रम में भगवान राम के अयोध्या आगमन प्रजा की महिलाओं द्वारा ढिंढोरा पिटवाना,माताओं द्वारा आरती उतारने, के बाद राम दरबार की झांकी और अयोध्या में दीपोत्सव के प्रसंगों का चित्रण किया जाएगा।
सैंड आर्टिस्ट छात्र दल द्वारा बताया गया कि हम कई जगह इस कला का प्रदर्शन करते हैं,लेकिन अपनी कला प्रदर्शन को लेकर जो आत्मिक सुख की अनुभूति अयोध्या में मिलती है, वो अपने आप मे अलौकिक है।