जिंदा रहने के लिए हम जिस हवा में सांस ले रहे हैं, वह इस समय प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव देश की राजधानी दिल्ली में देखने को मिल रहा है। धुंध की चादर ओढ़े दिल्ली -एनसीआर की हालात इस समय बहुत गंभीर है। हालांकि कुछ पोषक तत्वों को अपने भोजन में शामिल कर आप इस प्रदूषित माहौल में भी कुछ हद तक स्वस्थ रह सकते हैं। प्राकृतिक एंटी-ऑक्सिडेंट से परिपूर्ण ये पोषक तत्व आपकी बॉडी को इस खतरनाक प्रदूषण से लड़ने में मदद करेंगे।
बीटा कैरोटिन अपने एंटी-ऑक्सिडेंट गुणों के कारण इंफ्लैमेशन को निंयत्रित रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पत्तेदार सब्जियां जैसे चौलाई का साग, धनिया, मेथी, लेटस और पालक में प्रचूर मात्रा में बीटा कौरोटिन पाया जाता है। इसके अलावा मूली के पत्ते और गाजर भी बीटा कैरोटिन के अच्छे स्रोत हैं।
विटामिन सी हमारे शरीर की सबसे शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट है। पानी में घुलनशील यह विटामिन हमारी फ्री रैडिकल की सफाई करता है। स्वस्थ रहने के लिए एक युवा को अपनी डेली डाइट में 40 मिलीग्राम विटामिन सी की जरूरत होती है।
विटामिन सी के मुख्य स्रोत
- धनिए के पत्ते, चौलाई का साग, ड्रमस्टिक, पार्सले, गोभी और शलजम का साग जैसी सब्जी विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं।
- अमरूद और आवंला जैसे फल में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा पाई जाती है।
- दो नींबूओं का रस पीकर आसानी से रोजाना के भोजन में विटामिन सी शामिल किया जा सकता है।
विटामिन ई वाले फूड्स
- विटामिन ई मानव कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाती हैं। वसा में घुलनशील यह विटामिन शरीर को प्रदूषित माहौल में भी स्वस्थ रखती है।
विटामिन ई के मुख्य स्रोत
पौधों पर आधारित कुकिंग ऑयल में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। सूरजमुखी, सैफ्फलाउर और राइस ब्रान तेल इस विटामिन के मुख्य स्रोत हैं। इसके अलावा कनौला, पीनट और जैतून का तेल भी विटामिन ई का अच्छा स्रोत हैं। मसाले और जड़ी बूटियां जैसे मिर्च पाउडर, पैप्रिका, लौंग, ओरिगौनो, बैजल और पार्सले में विटामिन ई उचित मात्रा में पाया जाता है। हालांकि, इन्हें बहुत थोड़ी मात्रा में ही खाया जाता है।