लाइफस्टाइल डेस्क। मौसम में बदलाव के साथ ही बीमारियों का भी प्रकोप बढ़ने लगता है। खासकर वायरल फीवर, फ्लू, कोल्ड-कफ, सर्दी वगैरह जैसी मौसमी बीमारियां। अब शरीर की इम्यूनिटी बहुत मजबूत न हो तो बीमारियां तो होंगी ही। कभी पेट से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। बारिश और सर्दी के मौसम में बाल झड़ने की भी समस्याएं हो सकती हैं। कई तरह की बीमारियों का आयुर्वेदिक इलाज हमारे आसपास ही मौजूद होता है, बस हमें उनके बारे में जानकारी नहीं रहती। खासकर पेड़-पौधों में ही कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान छिपा होता है। आज हम बात करेंगे पांच तरह के पत्तों के बारे में, जो कई तरह की बीमारी और समस्याओं में असरदार साबित होती हैं।
नीम, तुलसी, बबूल और बेर के पेड़ हमारे आसपास ही मौजूद होते हैं। ये पांच तरह के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। कई तरह की बीमारियों में इन्हें घरेलू नुस्खों के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि बाल झड़ने, कमजोर दांत व मसूड़ों से लेकर चर्मरोग जैसी समस्याओं से भी ये पत्ते बचाते हैं और रामबाण उपाय साबित होते हैं। आइए इन पांच पत्तों के औषधीय गुणों के बारे में जानते हैं।
तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्ते की चाय पीने से सर्दी-खांसी में बहुत आराम मिलता है। अगर आप रोज सुबह तुलसी के पत्ते की चाय पीते हैं या फिर नियमित तौर पर तुलसी के पत्ते खाते हैं तो यह आदत कई तरह की बीमारियों को आपसे दूर रखती है।
नीम के पत्ते
नीम का पत्ता स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है। अगर आप सुबह खाली पेट नीम के 10-12 पत्तियों को पीसकर पीते हैं तो आपको चर्मरोग नहीं होगा। चेहरे पर कील, मुहासों की समस्या में भी यह असरदार है। यह हमारे ब्लड को भी साफ करता है, जिससे कई तरह की बीमारियां नहीं होती हैं। इसके औषधीय गुण यहीं खत्म नहीं होते। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर सिर धोने से बाल झड़ने की समस्या भी खत्म होती है। सिर में जुओं की समस्या में भी नीम के पत्ते फायदेमंद होते हैं।
बबूल की पत्तियां
नीम और तुलसी की ही तरह बबूल की पत्तियां भी औषधीय गुणों वाली होती हैं। कई कंपनियों के टूथपेस्ट में आपने बबूल का जिक्र सुना, पढ़ा या देखा होगा। बबूल की पत्तियों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं। इसके अलावा बबूल की शाखाओं का इस्तेमाल दातुन के रूप में भी होता है। इससे दांत साफ और मजबूत होते हैं।