Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

इस दिन है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानें कब लग जाएगा सूतक

Surya Grahan

surya grahan

इस बार दिवाली का त्योहार खत्म होते ही सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) पड़ेगा. पंडित मनोज त्रिपाठी के अनुसार, इस साल का जो सूर्य ग्रहण पड़ रहा है, वह 25 अक्टूबर को होगा. सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लग जाएगा. सूर्य ग्रहण विशेष तौर पर कष्ट दाई माना जाता है. हालांकि, ये समय विशेष तौर पर पूजा तर्पण, पित्र कार्य, तंत्र कर्म के लिए सबसे फलदायी माना जाता है. ग्रहण के आरंभ होने पर स्नान करके जप करें. ग्रहण समाप्ति के बाद दान करें. उससे ग्रहण के पुण्य फल प्राप्त होते हैं. सूर्य ग्रहण के मध्य के कष्ट आपको नहीं प्राप्त होते हैं.

भारत में सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) की डेट और टाइमिंग

भारत में ये सूर्य ग्रहण दिन में 2 बजकर 29 मिनट से आरंभ हो जाएगा और लगभग 4 घंटे 3 मिनट तक चलेगा. इस बार सूर्यास्त होने के बाद भी ग्रहण होगा. शाम 6 बजकर 32 मिनट पर ग्रहण की समाप्ति होगी.

इस सूर्यग्रहण का प्रभाव संपूर्ण भारत में सभी लोगों के ऊपर यह विशेष तौर पर पड़ने वाला है. यह सूर्य ग्रहण भोम मासी अमावस्या पर पड़ रहा है. उस दिन राज भंग कराने का कार्य हो सकता है. युद्ध भड़काने का कार्य भी हो सकता है. इस सूर्य ग्रहण के प्रभाव से कहीं दंगे और कहीं रोग की वृद्धि देखने को मिल सकती है.

सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) का इन राशियों पर पड़ेगा असर

इस सूर्य ग्रहण का अलग अलग राशियों पर प्रभाव पड़ा है जैसे- जहां मेष वृष मिथुन कर्क राशि की बात करें तो कर्क को छोड़कर पहली तीनों राशियों पर चिंता है. मेष राशि जिन महिलाओं की हैं, उनके पति को विशेष कष्ट हो सकता है. जहां कर्क राशि वालों को विशेष तौर पर धन लाभ होगा. सिंह राशि वालों को कार्य सिद्धि मिलेगी यानी आप समझ लीजिए जैसे कोई कार्य बहुत समय से रूका है, इस धन की वजह से उनको पुण्य प्राप्त होने वाला है. कन्या राशि वालों को धन हानि, दुर्घटना का योग बन रहा है. वही वृश्चिक राशि को धन हानि होने को संभावना बन रही है. धनु राशि को ये सूर्य ग्रहण उन्नति और लाभ देगा. दोनों राशियों के लिए समान रहने वाला है.

Solar Eclips: सूर्य ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें खास ख्याल

ये सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) कहीं लाभ और कहीं हानि करेगा. परंतु इस सूर्य ग्रहण में एक शुभ अवसर भी है. इस दिन दिए हुए गुरु मंत्रों का जाप करें और अपने इष्ट देवता की साधना करें. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य ग्रहण पड़ रहा है या पितृदोष पड़ा है. वो लोग नदी तट के ऊपर जाप करके स्नान करें. विशेष तौर पर जिन लोगों की कुंडली में सूर्य राहु का ग्रहण योग है या सूर्य शनि का विशेष योग पड़ा हुआ है. ऐसे लोग विशेष तौर पर दान करें, जिससे उनका जीवन सुखमय रहेगा.

भारत के इन राज्यों में दिखेगा साल का अंतिम सूर्य ग्रहण (Surya Grahan)

साल का यह अंतिम सूर्य ग्रहण  यूरोप, नॉर्थ ईस्ट अफ्रीका और वेस्ट एशिया में दिखेगा. भारत की बात करें तो साल के इस अंतिम सूर्य ग्रहण को नई दिल्ली, बेंगलुरू, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वराणसी  और मथुरा में दिखाई देगा. जबकि, मेघालय के दाईं और असम राज्य के गुवाहाटी के आसपास के बाएं हिस्सों में ये सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा.

सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) के दिन क्या करें और क्या नहीं

सूर्य ग्रहण के समय सिर्फ वृद्ध, गर्भवती स्त्रियां और बालकों को छोड़कर सभी लोगों को सोना, खाना-पीना से बचना चाहिए. गर्भवती स्त्रियों को तो विशेष तौर पर पूरे ग्रहण में एक स्थान पर बैठना चाहिए. साथ ही बैठकर हनुमान चालीसा आदि का पाठ कर सकते हैं. उससे ग्रहण असर उनके ऊपर प्रभावहीन रहेगा.

रोगी को किसी भी प्रकार से परेशान होने की आवश्यकता नहीं है वह औषधि भी ले सकते हैं, जल भी ग्रहण कर सकता है. बस इस समय भोजन अवश्य ना करें. इस समय पक्का अन्न खराब होने का खतरा होता है. इसलिए पक्का अन्न उस दौरान ना बनाकर रखें. दूध आदि में कुशा या तुलसी दल डालने से वह विकिरण से मुक्त हो जाते हैं. जिन लोगों को विशेष तौर पर तंत्र साधना करनी हो उनके लिए यह बड़ा ही सुंदर अवसर है. वह लोग अपने गुरु के दिए हुए मंत्रों का जाप करें.

सूर्य ग्रहण खत्म होने पर जरूर करें ये काम, दूर हो जाएंगे अशुभ प्रभाव

सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) को समय सूर्य भगवान की पूजा करने से इस समय निश्चित लाभ प्राप्त होगा. ग्रहण का दुष्प्रभाव आपके ऊपर नहीं पड़ेगा. इस समय आपके गुरु से मिले हुए मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए. जो तंत्र विद्या के जानकार है जो तांत्रिक विधि से जाप पूजन कर सकते हैं. जो लोग साधक हैं उन लोगों को ऐसे समय में  मंत्रों को पुनः स्थापित करना चाहिए. सामान्य जन को गायत्री मंत्र का मन ही मन उच्चारण करने चाहिए. विद्यार्थी और गर्भवती स्त्रियों के लिए सर्वोत्तम है हनुमान चालीसा. उन्हें सुंदरकांड का पाठ भी करना चाहिए.

Exit mobile version