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भाजपा सरकार में सच बोलने वालों को जेल भेजा जा रहा है : शाहनवाज

शाहनवाज आलम

शाहनवाज आलम

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष शाह नवाज आलम ने सोमवार को यहां कहा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत खराब है और योगी आदित्यनाथ सरकार सच बोलने वालों का मुह बंद कराने में जुटी है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार सच और जनहित की बात कहने वालों के खिलाफ मुकदमे दर्जकर उन्हें जेल भेज रही है।

इटावा के एक दिनी दौरे पर आये श्री आलम ने कहा कि सरकार गोरक्षा के नाम पर अल्पसंख्यक समाज का उत्पीड़न कर रही है। अब ब्राह्मण समाज भी निशाने पर है। कांग्रेस अब इन मामलों को लेकर चुप नहीं बैठेगी। सरकार के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाकर जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और हमें सरकार ने सिर्फ इसलिये जेल भेज दिया क्योंकि हम लोगों ने जनता की ज्वलंत समस्याएं उठाईं। सरकार अपराध को बढ़ावा दे रही है। जो लोग कोरोना उपचार के लिये खरीदी गयी सामानों में हुए भष्ट्राचार को उजागर कर रहे हैं उन्हें सरकार जेल भेज रही है। सरकार कोरोना से लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है। जनता को सरकार पर विश्वास नहीं है। सरकार में सबसे ज्यादा उत्पीड़न ब्राह्मणों का हो रहा है।

श्री आलम ने कहा कि प्रदेश सरकार गोरक्षा भी कर पाने में असफल साबित हो रही है। जब गोकशी बंद है तो मांस निर्यात के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश नंबर वन क्यों है। इस सरकार ने बुनकरों का भी बुरा हाल कर रखा है।

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उन्होंने कहा कि 19 अगस्त तक 76 उन लोगों पर एनएसए लगा है जिन्हें पुलिस ने गौकशी के आरोप में पकड़ा है । वहीं 13 लोगों पर संविधान विरोधी नागरिकता कानून का विरोध करने के कारण एनएसए लगाया गया है। 26 अगस्त तक चार हजार लोगों को गौकशी के आरोप में जेल भेजा गया है। जबकि गोकशी में फंसाये गए 2384 लोगों पर गैंगस्टर और 1742 लोगों पर गुंडा एक्ट लगाकर उन्हें जेलों में डाल दिया गया है।

श्री आलम ने कहा कि मुख्य सचिव के ही अनुसार महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुई हिंसा के मामलों में योगी सरकार ने सिर्फ छह लोगों पर एनएसए लगाया है।

उन्होंने कहा कि हास्यास्पद स्थिति यह भी है कि खुद संगीन अपराधों के आरोपी रहे योगी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही सबसे पहले अपने ऊपर से मुकदमें हटाते हैं और निर्दोषों को फर्जी आरोपों में जेल भेजने का रिकाॅर्ड बनाते हैं। यदि योगी आदित्यनाथ में थोड़ी भी शर्म होती तो वो डाॅ0 कफील खान पर द्वेष की भावना के तहत एनएसए लगाने पर उच्च न्यायालय के फटकार के बाद उनसे माफी मांगते और आगे से बेगुनाहों पर एनएसए लगाने की सनक से बचते।

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श्री आलम ने कहा कि गौकशी के आरोप में बेगुनाह मुसलमानों को फंसाने के बजाए सरकार को पश्चिम उत्तर प्रदेश के अपने एक मंत्री के स्लाटर हाउस पर छापा मारना चाहिए जो प्रदेश का सबसे बड़ा मांस निर्यातक है।

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कांग्रेस गोकशी और नागरिकता विरोधी कानून का विरोध करने पर एनएसए में फंसाए गए बेगुनाह लोगों को हर सम्भव कानूनी मदद के साथ ही उनके लिए आंदोलन करेगी।

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