उत्तर प्रदेश पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने इन्श्योरेन्स कम्पनी के अधिकारी बन बीमा पोलिसी के नाम पर करोड़ो की ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को आगरा से गिरफ्तार कर लिया।
अपर महानिदेक (साइबर) राम कुमार ने सोमवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कदम्ब बिहार रांची बागर निवासी ललित पाठक ने एक प्रार्थना पत्र दिया ,जिसमें अज्ञात व्यक्ति द्वारा बीमा अधिकारी बन कॉल कर एक पुरानी इन्सयोरेन्स पौलिसी लैप्स होने पर पॉलिसी का 12,47,392 रूपये के माध्यम से दिलवाने की बात कही,जबकी पोलिसी में ललित पाठक नहीं ललित किशोर का नाम है। लैप्स पौलिसी का 12,47,392 दिलवाने के बदले उन लोगों ने 43000 की ठगी करने के प्रयास के संबंध में परिक्षेत्रीय थाना साइबर क्राइम आगरा पर दिया था ।
उन्होंने बताया कि इस घटना की गम्भीरता के लेते हुए घटना के खुलासे के लिए पुलिस अधीक्षक (साइबर) प्रो0 त्रिवेणी सिंह के पर्यवेक्षण में साइबर क्राइम थाना आगरा परिक्षेत्र प्रभारी राजेश कुमार शर्मा को अपराध के जल्द खुलासे के लिए निर्देशित किया था ।
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परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम द्वारा घटना से संबंधित सभी तकनीकी पक्षो एव उपलब्ध विवरणो के आधार एक गिरोह के तीन बदमाशों ग्रेटर नोएडा निवासी सुमित कश्यप ,सिद्धार्थनगर निवासी रमेश प्रसाद गिरी और सम्भल निवासी मौहम्मद आकिब को गिरफ्तार कर उनके के कब्जे से छह मोबाइल फोन,सात सिम कार्ड,
दो एटीएम कार्ड और अपराध में प्रयुक्त पांच खातो का विवरण जिन्में पैसा मंगाया जाता था,पीडितो के खातों का विवरण,मोबाइल में उन व्यक्तियो का डाटा एक्सल फाइल के रूप मे जिन्हे टारगेट बनाया जाता था बरामद किया।
श्री कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ पर बताया कि गिरोह के तीनो सदस्य पूर्व मे एक कम्पनी मे काम करते थे । वह कम्पनी बीमा पोलिसी और शैयर ट्रेडिग मे काम करती थी, वही से इन लोगों ने बीमा धारकों के नाम से ठगी करने का विचार आया। गिरफ्तार आरोपियों ने कम्पनी मे मौजूद डैटा चोरी कर लिया, जिसमे उन व्यक्तियो का पूर्ण विवरण मौजूद होता था जो इस्योरेन्स पोलिसी या शैयर्स ले चुके होते है तथा उन लोगों का डैटा जो इन्सयोरेन्स लेने के इच्छुक थे । आरोपी कम्पनी बन्द हो जाने के बाद चुराये हुए डैटा का इस्तेमाल कर लोगो को इन्सयोरेन्स कम्पनी का अधिकारी बन सम्पर्क किया और लोगो को कई गुना रिटर्न देने का प्रलोभन देकर ठगी करते थे।
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उन्होंने बताया कि आरोपियों के खातो में घनराशि आने के बाद वे अपने रिश्तेदारो के पर्सनल अकाउट में हस्तांतरित कर बाद में एटीएम कार्ड के माध्यम से निकाल लेते थे। जांच में अभी तक इनके पांच खातो में ठगी से प्राप्त करीब 12 लाख की धनराशि फ्रिज करायी गयी है । गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया।