देश में सिरिंज बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी हिंदुस्तान सिरिंजेज एंड मेडिकल डिवाइसेज के तीन प्लांटों पर ताला लटक गया है, जिससे सिरिंज की कमी हो सकती है। इसका असर वैक्सीनेशन अभियान पर भी पड़ सकता है।
लेकिन फरीदाबाद में HMD के प्लांट बंद होने से इसका असर पूरे देश में पड़ने वाला है, क्योंकि इन प्लांटों से रोजाना करीब 1.2 करोड़ सिरिंज बनते हैं। फिलहाल जो एकमात्र प्लांट चल रहा है, उसमें रोजाना करीब 40 लाख सिरिंज का प्रोडक्शन हो रहा है। लेकिन वो भी सोमवार से बंद हो जाएगा।
HMD के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव नाथ ने बताया कि दिल्ली से सटे फरीदाबाद में कंपनी के 4 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जिसमें से 3 यूनिट्स में प्रोडक्शन शुक्रवार से ही बंद हो चुके हैं। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर प्रोडक्शन बंद करना पड़ा है।
राजीव नाथ ने बताया कि चौथा यूनिट भी अगले कुछ दिनों में बंद हो जाएगा, क्योंकि चौथे प्लांट में सिरिंज बनता है, Needles का प्रोडक्शन बंद होने से इस सिरिंज प्रोडक्शन प्लांट को भी बंद करना पड़ेगा। भारत में HMD सबसे बड़ा Syringes & Needles मैन्युफैक्चरर है। राजीव नाथ All India Syringes & Needles Mfg. Association (AISNMA) के भी अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि प्लांट जल्द शुरू नहीं हुए तो फिर सिरिंज और निडिल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
चिंता का विषय यह है कि कंपनी के पास दो दिन से ज्यादा का बफर स्टॉक नहीं है। यानी सोमवार तक यह स्टॉक भी खत्म हो जाएगा। उसके बाद क्या होगा? कंपनी को वॉलंटरी (Voluntary) बेसिस पर अपनी यूनिट्स बंद करने को कहा गया है। सिरिंज की सप्लाई बाधित होने से वैक्सीनेशन अभियान पर असर पड़ सकता है।
HMD के फरीदाबाद में प्लांट बंद होने हर रोज 1.5 करोड़ सुई (Needles) और 1।2 लाख सिरिंज का प्रोडक्शन प्रभावित होगा। अगर लंबे वक्त तक ये प्लांट बंद रहते हैं तो फिर सिरिंज की किल्लत बढ़ सकती है। क्योंकि देश और दुनिया में पहले ही सिरिंज की शॉर्ट सप्लाई है। कोरोना महामारी के दौरान इस डिमांड तेजी से बढ़ी है।
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गौरतलब है कि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फरीदाबाद में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 228 यूनिट्स को बंद करने का निर्देश दिया है। HMD की मानें तो उन्होंने अपने सबसे बड़े प्लांट में बिजली जाने पर PNG गैस से प्लांट चलाने का विकल्प उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि अब डीजल की इस्तेमाल बहुत कम हो रहा है। कंपनी खुद प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठा रही है और डीजल के विकल्पों पर काम कर रही है।
HMD ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को भी पत्र लिखा है। खत में अनुरोध किया गया है कि सिरिंज और निडिल को भी नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट (National Disaster Management Act) के तहत क्रिटिकल मेडिकल डिवाइस घोषित किया जाए, ताकि इसकी कमी देश में न हो।
वहीं मैनेजमेंट ने स्वास्थ्य मंत्रालय से भी पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है, कंपनी का कहना है कि उसे हॉस्पिटल्स और हेल्थकेयर सर्विस प्रोवाइडर्स की तरह विशेष छूट दी जाए। ताकि सिरिंज और नीडिल की कमी इस महामारी के दौरान देश में न हो। जो भी हो मामला बेहद गंभीर है, और इसका हल निकलना चाहिए।