सिद्धार्थनगर।सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर में कुलपति – छात्र संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो सुरेन्द्र दुबे ने कहा कि आधुनिक गुरुकुल निर्मित करने में विद्यार्थी और शिक्षक दोनो ही अपनी महती भूमिका को पहचाने। दक्ष विद्यार्थी ही योग्य शिक्षक की कमाई होती है ।
शिक्षण संस्थानों की उत्कृष्टता का पर्याय उसका विद्यार्थी होता है। वास्तव में विद्यार्थी शिक्षण संस्थान की आत्मा होती है । विद्यार्थी का आचरण – व्यवहार ,चरित्र – संस्कार और बौद्धिक ज्ञान का सम्मुच्चय ही समग्र रूप में मानक शिक्षण संस्थान का आधार निर्मित करतें है । इस दृष्टि से विद्यार्थियों को तैयार करना शिक्षक का मुख्य उत्तरदायित्व होता है । इसलिए शिक्षकों को भी ज्ञान के नवीन अनुसन्धानों के प्रति आग्रही होना ही होगा ।
प्रत्येक बालक में अनन्त अंतर्निहित शक्तियां मौजूद होती है । उन अंतर्निहित शक्तियों को पहचानने और उसे निखारने वाला ही वास्तव में अच्छा और सच्चा शिक्षक है । विद्यार्थी के अंदर निहित चेतना को सही दिशा देकर उसे समाजोपयोगी बनने में शिक्षक और छात्र दोनों की महती भूमिका होती है। दर्शन से दृष्टि मिलती है इसलिए हमेशा चिंतन शील प्रवृत्ति का विकास किया जाना चाहिए । विद्यार्थी के अंदर ज्ञान प्राप्त करने की अखण्ड अभिलाषा ही उसके शिखर का मार्ग प्रशस्त करती है । शिक्षक का दायित्व होता है कि ज्ञान को रचनात्मक दिशा की ओर उन्मुख करे ।
प्रो सुरेन्द्र दुबे ने आगे कहा कि वर्तमान भारत युवाओं की संख्या की दृष्टि से दुनिया का सबसे अग्रणी देश है । यदि इन युवाओं को कौशलयुक्त कर दिया जाय तो भारत पुनः विश्वगुरु बन सकता है । रचनाधर्मी युवा निर्मित कर नए भारत के निर्माण में शिक्षण संस्थाओं की सर्वाधिक भूमिका सर्वमान्य है । शिक्षक को इस चुनौती को स्वीकार कर राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में अपनी आहुति देनी होगी ।
इस कार्यक्रम में कुलसचिव राकेश कुमार की उपस्थिति मुख्य अतिथि के रूप में थी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो हरीश कुमार शर्मा ने स्वागत उद्धबोधन दिया, आभार ज्ञापन मुख्य नियन्ता डॉ दीपक बाबू ने किया तथा संचालन हिंदी विषय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रेनू त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ पूर्णेश नारायण सिंह, डॉ सतेंद्र दुबे, डॉ नीता यादव, डॉ सुनीता त्रिपाठी, डॉ सचिदानन्द चौबे, डॉ दिनेश प्रसाद, डॉ प्रगेश नाथ त्रिपाठी, डॉ संतोष सिंह, डॉ अरविंद रावत, डॉ जय सिंह यादव, डॉ सरिता सिंह, डॉ वंदना गुप्ता, डॉ शरदेंदु त्रिपाठी, डॉ अविनाश प्रताप सिंह, डॉ रविकांत शुक्ला सहित शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।