• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

आज है सोमवती अमावस्या, जानें इस तिथि का धार्मिक महत्व

Desk by Desk
14/12/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
0
somvati amavasya

somvati amavasya

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

धर्म डेस्क। मार्गशीर्ष अमावस्या 14 दिसंबर को है। अगहन माह में पड़ने वाली यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है। इसलिए यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी। इसके साथ सोमवती अमावस्या के दिन खंडग्रास सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, जिस कारण यहां पर ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। सोमवती अमावस्या के दिन ग्रहण शाम 7 बजकर 03 मिनट से होगी और 15 दिसंबर की रात 12 बजे के करीब इस ग्रहण का समापन होगा।

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन गुरु चंडाल योग भी बन रहा है। वहीं राहु की दृष्टि देवगुरु बृहस्पति पर पड़ रही है। बृहस्पति मकर राशि में शनि के साथ स्थित हैं। जिन लोगों की जन्म कुंडली में पहले से ही गुरु चंडाल योग बना हुआ है उन्हें ग्रहण के कारण विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।  साधना और तप के लिए श्रेष्ठ है यह अमावस्या

धार्मिक दृष्टि से यह तिथि बेहद महत्वपूर्ण है। यह अमावस्या संयम, साधना और तप के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। इस तिथि को अगहन और पितृ अमावस्या भी कहते हैं। इसलिए इस दिन पितरों को याद किया जाता है। इसके अलावा मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन गंगा स्नान भी किया जाता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन तीर्थस्नान, जप, तप और व्रत के पुण्य से कर्ज और पापों से मुक्ति मिलती है।

मार्गशीर्ष अमावस्या को पितरों की पूजा करने का विशेष दिन माना गया है। मान्यता के अनुसार इस दिन पूजन और व्रत करने से हमारे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष दूर होता है। मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत करने से कुंडली के दोष दूर होते हैं। इस अमावस्या को गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है।

अगर किसी की कुण्डली में पितृ दोष हो, संतान हीन योग बन रहा हो तो ऐसे लोगों को को मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन उपवास जरूर रखना चाहिए। अगहन माह में ही भगवान कृष्ण ने गीता का दिव्य ज्ञान दिया था, जिसके कारण से इस माह की अमावस्या तिथि को अत्यधिक लाभकारी और पुण्य फलदायी मानी जाती है।

Tags: Religion news in hindiReligionSpirituality News in Hindisomvati-amavasya
Previous Post

केजरीवाल का उपवास मात्र नौटंकी, जनता हर बात बखूबी समझती है : कांग्रेस

Next Post

अन्नदाताओं की तरक्की में ही राष्ट्र की तरक्की : सीएम योगी

Desk

Desk

Related Posts

Kalonji
फैशन/शैली

बालों की हर समस्या का हल है रसोई में रखा ये मसाला

08/11/2025
Hair
फैशन/शैली

लंबे समय तक रहेंगे स्ट्रेट बाल, आज़माएं ये टिप्स

08/11/2025
Office
फैशन/शैली

स्क्रीन पर देर तक करती है काम, तो ऐसे रखें स्किन का ध्यान

08/11/2025
Cracked Heels
Main Slider

फटी एड़ियों पर आजमाएं ये हैक्स, कोमल और सुंदर हो जाएंगे पैर

08/11/2025
Fridge
Main Slider

फ्रिज में जम गई है गन्दगी, इन हैक्स से मिनटों में चमक जाएगा

08/11/2025
Next Post
cm yogi

अन्नदाताओं की तरक्की में ही राष्ट्र की तरक्की : सीएम योगी

यह भी पढ़ें

एम्बुलेंस प्रकरण : मुख्तार अंसारी गैंग का वांछित 25 हजार का इनामी गिरफ्तार

09/04/2022
drowning

तालाब में डूबने से दो सगी बहनों सहित तीन की मौत, परिवार में मचा कोहराम

28/08/2022

जिला अस्पताल का उपमुख्यमंत्री ने किया औचक निरीक्षण, डॉक्टरों के कसे पेंच

18/04/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version