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आज है सोमवती अमावस्या, जानें इस तिथि का धार्मिक महत्व

Desk by Desk
14/12/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
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somvati amavasya

somvati amavasya

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धर्म डेस्क। मार्गशीर्ष अमावस्या 14 दिसंबर को है। अगहन माह में पड़ने वाली यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है। इसलिए यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी। इसके साथ सोमवती अमावस्या के दिन खंडग्रास सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, जिस कारण यहां पर ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। सोमवती अमावस्या के दिन ग्रहण शाम 7 बजकर 03 मिनट से होगी और 15 दिसंबर की रात 12 बजे के करीब इस ग्रहण का समापन होगा।

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन गुरु चंडाल योग भी बन रहा है। वहीं राहु की दृष्टि देवगुरु बृहस्पति पर पड़ रही है। बृहस्पति मकर राशि में शनि के साथ स्थित हैं। जिन लोगों की जन्म कुंडली में पहले से ही गुरु चंडाल योग बना हुआ है उन्हें ग्रहण के कारण विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।  साधना और तप के लिए श्रेष्ठ है यह अमावस्या

धार्मिक दृष्टि से यह तिथि बेहद महत्वपूर्ण है। यह अमावस्या संयम, साधना और तप के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। इस तिथि को अगहन और पितृ अमावस्या भी कहते हैं। इसलिए इस दिन पितरों को याद किया जाता है। इसके अलावा मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन गंगा स्नान भी किया जाता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन तीर्थस्नान, जप, तप और व्रत के पुण्य से कर्ज और पापों से मुक्ति मिलती है।

मार्गशीर्ष अमावस्या को पितरों की पूजा करने का विशेष दिन माना गया है। मान्यता के अनुसार इस दिन पूजन और व्रत करने से हमारे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष दूर होता है। मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत करने से कुंडली के दोष दूर होते हैं। इस अमावस्या को गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है।

अगर किसी की कुण्डली में पितृ दोष हो, संतान हीन योग बन रहा हो तो ऐसे लोगों को को मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन उपवास जरूर रखना चाहिए। अगहन माह में ही भगवान कृष्ण ने गीता का दिव्य ज्ञान दिया था, जिसके कारण से इस माह की अमावस्या तिथि को अत्यधिक लाभकारी और पुण्य फलदायी मानी जाती है।

Tags: Religion news in hindiReligionSpirituality News in Hindisomvati-amavasya
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