प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव को भारतीय उद्योग जगत के नए संकल्पों और नए लक्ष्यों के लिए यह बहुत बड़ा अवसर बताते हुए आज कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा दायित्व भारतीय उद्योगों पर है।
श्री मोदी ने भारतीय उद्योग परिसंघ(सीआईआई) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि सीआईआई की ये बैठक इस बार 75वें स्वतंत्रता दिवस के माहौल में, आज़ादी के अमृत महोत्सव के बीच हो रही है। ये बहुत बड़ा अवसर है, भारतीय उद्योग जगत के नए संकल्पों के लिए, नए लक्ष्यों के लिए।
उन्होंने कहा कि आज का नया भारत, नई दुनिया के साथ चलने के लिए तैयार है। जो भारत कभी विदेशी निवेश से आशंकित था, आज वो हर प्रकार के निवेश का स्वागत कर रहा है। आज स्थिति तेज़ी से बदल रही है। देशवासियों की भावना, भारत में बने उत्पादों के साथ है। कंपनी भारतीय हो, ये जरूरी नहीं, लेकिन आज हर भारतीय, भारत में बने उत्पाद को अपनाना चाहता है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब हमें लगता था कि जो कुछ भी विदेशी है, वही बेहतर है। इस मनोविज्ञान का परिणाम क्या हुआ, ये भारतीय उद्योग के दिग्गज भलीभांति समझते हैं। हमारे अपने ब्रांड भी, जो हमने सालों की मेहनत के बाद खड़े किए थे, उनको विदेशी नामों से ही प्रचारित किया जाता था।
उन्होंने कहा कि आज भारत के युवा जब मैदान में उतरते हैं, तो उनमें वो हिचक नहीं होती। वे मेहनत करना चाहते हैं, वे जाेखिम उठाना चाहते हैं, वे नतीजे लाना चाहते हैं। अब हमारे युवाओं में यह भावना आ गयी है कि हम इस देश से हैं। इसी प्रकार का आत्मविश्वास आज भारत के स्टार्टअप में है।
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उन्होंने कहा कि हमारे उद्योग पर देश के विश्वास का ही नतीजा है कि आज सरल कारोबारी माहौल बढ़ रहा है और जीवनयापन में सुगमता आ रही है। कंपनी कानून में किए गए बदलाव इसका बहुत बड़ा उदाहरण हैं। आज देश में वो सरकार है जो राष्ट्र हित में बड़े से बड़ा जोखिम उठाने के लिए तैयार है। जीएसटी इतने सालों तक सिर्फ इसलिए अटका रहा क्योंकि जो पहले सरकार में थे वे राजनीतिक जोखिम लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। हमने न सिर्फ जीएसटी लागू किया बल्कि आज रिकार्ड जीएसटी भी संग्रह हो रहा है।