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उदयपुर हत्याकांड: आरोपियों ने फैक्ट्री में बनाया था हथियार, वीडियो भी किया था शूट

Udaipur video

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जयपुर। उदयपुर में तालिबानी मर्डर (Udaipur massacre) के बाद गुरुवार को SIT ने सापेटिया में एसके इंजीनियरिंग फैक्ट्री में छापा (Raid) मारा। फैक्ट्री में ही रियाज जब्बार ​​​​​​और गौस मोहम्मद ने कन्हैयालाल की हत्या करने के लिए हथियार तैयार किया था। दोनों आतंकियों ने यहीं पर वीडियो बनाया था। SIT ने फैक्ट्री और ऑफिस को सीज कर दिया है।

कन्हैयालाल की हत्या (Udaipur massacre) में इस्तेमाल हथियार इसी फैक्ट्री से बरामद किया गया था। इस मामले में पाकिस्तानी एंगल सामने आने के बाद एनआईए मामले की जांच कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसियों को हत्यारों के ISIS के वीडियो से प्रेरित होने का शक है। हत्या से पहले और बाद में भी दोनों आरोपी पाकिस्तान के लोगों के संपर्क में थे।

एनआईए जल्द ही दोनों आरोपियों को दिल्ली लाएगी और इनके मोबाइल की जांच होगी। जांच एजेंसियों का दावा है कि दोनों में से एक आरोपी गौस मोहम्मद साल 2014-15 में 45 दिन कराची में ट्रेनिंग लेकर आया है। इतना ही नहीं साल 2018-19 में गौस मोहम्मद अरब देशों में गया था। पिछले साल नेपाल में भी इसकी लोकेशन सामने आई।

ऐसे में आरोपी गौस मोहम्मद का कनेक्शन सीधे  तौर पर पाकिस्तान से जुड़ा है। कन्हैयालाल की हत्या को आतंकी घटना मानते हुए UAPA के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस पूरे मामले की जांच एनआईए के साथ ही आईबी भी कर रही है और रियाज के साथ गौस मोहम्मद की कुंडली खंगाली जा रही है।

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इस बीच एक और खुलासा हुआ है। भाजपा नेत्री नुपूर शर्मा मामले में हत्या की धमकी और हत्या का वीडियो आरोपी गौस मोहम्मद ने डाला था। हत्या के बाद उदयपुर से अजमेर भाग रहे दोनों आरोपी अजमेर में एक और वीडियो बनाकर डालना चाह रहे थे। वीडियो बनाने का आइडिया पाकिस्तानी हैंडलर ने दिया था ताकि ज़्यादा दहशत फैले।

रियाज की बाइक का नंबर 2611

दावत-ए-इस्लामी से जुड़ा गौस अल्लाह के बंदे, लब्बो या रसूलुल्लाह जैसे कई व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर हज़ारों लोगों को जोड़ रखा था। उसने अपने यह वीडियो इन्हीं ग्रुपों में डाला था। वारदात के बाद गौस, रियाज़ के मोटरसाइकिल से भाग रहा था, जिसका नंबर 2611 है, जो मुंबई हमले की तारीख है। इस पर किसी सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान नहीं गया है।

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हमला करने के दौरान बाईक 70 मीटर दूर स्टार्ट रखी गई थी। वहां से ये भागकर देवगढ़ मोटर गैराज पर पहुंचे, जहां 6 महीने पहले रियाज काम करता था। मगर उसने पनाह नहीं दी और किसी ने देवगढ़ पुलिस को इनकी सूचना दे दी। इन्हें भनक मिल गई तो सड़क का रास्ता छोड़ गांवों के रास्ते भीम पहुंचे, जहां का गौस रहने वाला है।

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