उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने समस्त स्टाफ, छात्र-छात्राओं तथा उनके अभिभावकों का शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कराएं।
श्रीमती पटेल ने आज राजभवन से किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की ऑनलाइन समीक्षा बैठक की।
कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने समस्त स्टाफ, छात्र-छात्राओं तथा उनके अभिभावकों का शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कराये। इसके साथ ही संस्थान में आने वाले मरीजों के तीमारदारों का भी कैम्प लगाकर वैक्सीनेशन कराने की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को गोद लेने का काम करें तथा उनकी समुचित देखभाल की व्यवस्था भी करें।
श्रीमती पटेल ने इस दौरान कुलाधिपति ने निर्देश दिये कि सभी निर्माण कार्यों का नियमित अनुश्रवण किया जाय, उचित होगा कि एक समिति का गठन कर दिया जाए, जो सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं समयबद्धता की निगरानी करे तथा कुलपति भी समय-समय पर कार्यदायी संस्था के कायों की समीक्षा भी अनिवार्य रूप से करें और हर महीने के निर्माण कार्य की प्र्रोग्रेस रिपोर्ट राजभवन को भेजें।
राज्यपाल ने निर्देश दिया कि कार्यदायी एजेंसियां समय पर निर्माण कार्य को पूर्ण करें, इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
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कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों के लिये निर्धारित नियुक्ति नियमावली का पालन करते हुये रोस्टर के अनुसार पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुये नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जाए तथा भर्ती विज्ञापनों में भी स्पष्ट रूप से नियुक्ति प्रक्रिया की शर्तों का उल्लेख किया जाय।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही नयी शिक्षा नीति के प्राविधानों को तैयार करके यथाशीघ्र लागू किया जाए। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों में लम्बित उपाधियों एवं प्रमाण पत्रों को यथा शीघ्र छात्रों के पतों पर भेजना सुनिश्चत करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में डिग्री और प्रमाण पत्र डिजिटल लाॅकर में रखने की व्यवस्था की जाए, इससे छात्रों को आसानी से डिग्री और प्रमाण पत्र प्राप्त हो सकेंगे।
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श्रीमती पटेल ने कहा कि आवासीय परिसर एवं हास्टल में किसी भी दशा में अनाधिकृत व्यक्तियों का निवास नहीं होना चाहिये। कुलाधिपति ने कहा कि संस्थान के जो विवाद न्यायालय में लम्बित चल रहे हैं, उनकी समीक्षा करने के साथ उनके शीघ्र निस्तारण के लिए आवश्यक कदम उठाये जाये तथा विश्वविद्यालय में वित्तीय लेनदेन हेतु कम से कम खातों का संचालन किया जाए तथा अनुपयोगी खातों को शीघ्र अति शीघ्र बन्द कर दिया जाए, अत्यधिक खाते होने से वित्तीय अनियमितता की सम्भावना काफी अधिक होती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने जो भी अग्रिम अपने कर्मचारियों को दिये, उनका समयबद्ध समायोजन तथा निस्तारण किया जाना चाहिए।
बैठक में उपस्थित मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने भविष्य में प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों को डिग्री एवं प्रमाण पत्रों को पूरी तरह से आनलाइन करने का सुझाव दिया। इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में चिकित्सा विश्वविद्यालयों को ई-हास्पिटल पर भी विचार करने केे लिए कहा।
इस अवसर पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना,, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, के जी एम यू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डाॅ0 विपिन पुरी, अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 ए0के0 सिंह, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डा0 पंकज जानी, निर्माण एजेंसियों के प्रमुख सहित दोनों विश्वविद्यालयों के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।