कानपुर में भर्ती उन्नाव पीड़िता की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। इस केस में एकमात्र जिंदा बची पीड़िता का बयान काफी अहम माना जा रहा है, जिसपर आगे की पूरी जांच टिकी हुई है। इसे देखते हुए अस्पताल के बाहर प्रशासन ने एक डिप्टी एसपी और एक एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट (एसीएम) की तैनाती की है। प्रशासन की कोशिश है कि पीड़िता को होश आते ही उसका बयान दर्ज किया जाए।
पीड़िता के इलाज के साथ-साथ प्रशासन सुरक्षा को लेकर पूरी चौकसी बरत रहा है। आईसीयू के बाहर एसीएम और डिप्टी एसपी को तैनात कर दिया गया है जो लगातार चौकसी बरतेंगे। लड़की के बोलने की हालत में आते ही उसका बयान दर्ज किया जाएगा। इसके लिए 24 घंटे मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है। अस्पताल के बारह बारह घंटे की ड्यूटी पर मजिस्ट्रेट तैनात हैं।
उन्नाव कांड में असल में क्या हुआ, इसकी जानकारी और पूरी जांच अस्पताल में भर्ती लड़की के बयान पर ही टिकी है। क्योंकि उनके घर वालों ने किसी पर भी आरोप नहीं लगाया है। लड़कियों ने जहर कैसे खाया, क्यों खाया या नहीं खाया, उनके साथ क्या हुआ, उनके हाथ पर कैसे बंधे, उनके साथ किसने क्या किया, ये सब जानकारी जिंदा बची लड़की के बयान से ही मिल सकती है, इसलिए प्रशासन पूरी मुस्तैदी बरत रहा है।
उन्नाव केस : यूपी पुलिस ने दो लड़कों को किया गिरफ्तार
कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती पीड़िता को लेकर आज शुक्रवार सुबह एक मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया। अस्पताल के पीआरओ परमजीत सिंह का कहना है कि लड़की के शरीर में अब तक कोई हलचल नहीं हो रही थी, लेकिन अब हम जो इलाज कर रहे हैं, उसका सकारात्मक असर हो रहा है। वह हाथ-पैर हिला रही है। हम धीरे-धीरे लड़की को वेंटिलेटर सपोर्ट से हटाने की ओर बढ़ रहे हैं। 24 घंटे में रिस्पांस सामने आएगा। हम लड़की का जो ट्रीटमेंट कर रहे हैं, उसका सही रिस्पांस मिल रहा है।
अस्पताल का ये भी कहना है कि डॉक्टरों की जांच में लड़की को बांधने के कोई निशान नहीं मिले हैं, जबकि ये तीनों लड़कियां बंधी हुई हालत में पाई गई थीं। उन्होंने ये भी बताया कि लड़की का पॉइजन सैंपल जांच के लिए लखनऊ के केजीएमसी भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आने का इंतजार है।
उन्नाव केस : कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बुआ-भतीजी का किया गया अंतिम संस्कार
उन्नाव के बुबराह गांव में 17 फरवरी की देर शाम खेत में चारा लेने गई तीन लड़कियां बेहोशी की हालत में मिली थीं। ये बुआ और भतीजी हैं। इनमें से दो की मौत हो चुकी है। एकमात्र जिंदा बची लड़की को बचाने की कोशिशें जारी हैं।
सख्ती का आलम ये है कि एक मजिस्ट्रेट और एक डिप्टी एसपी आईसीयू के बाहर ड्यूटी दे रहे हैं। चारों तरफ पुलिस कड़ी निगरानी रख रही है। लड़की से किसी को मिलने की इजाजत नहीं है। पुलिस ने लड़की की मां व अन्य परिजनों से किसी को बात नहीं करने दी।