लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चार साल पहले देश दुनिया में बीमारू राज्य के तौर पर माना जाता था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उनकी सरकार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद अपने दूसरे कार्यकाल मे न सिर्फ इसे देश की पहली बड़ी अर्थव्यवस्था बनायेगी बल्कि एक ट्रिलियन डालर की इकोनामी बनाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को पूरा करेगी।
विधानसभा में बुधवार को बजट पर चर्चा के दौरान श्री योगी ने करीब दो घंटे के उदबोधन के दौरान कहा कि पिछले चार वर्षों में नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का सृजन हुआ है। चार साल पहले जिस प्रदेश को देश और दुनिया में बीमारू कहा जाता था, जो भारत का सबसे बड़ा राज्य होने के बाद भी अर्थव्यवस्था के पैमाने पर पांचवे पायदान पर था, जहां युवा पलायन को मजबूर था, आज उसकी प्रगति और उसकी नीतियां अन्य राज्यों के लिए नजीर बन रही हैं।
उन्होने कहा कि 2015-16 में 10.90 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी वाला राज्य समन्वित प्रयासों से आज 21.73 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी के साथ देश मे दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन कर उभरा है। राज्य वही है, संसाधन वही हैं काम करने वाले वही हैं, बदली है तो बस कार्यसंस्कृति। पिछली सरकारों की तरह अब यहां परिवार केंद्रित योजनाएं नहीं बनतीं, बल्कि किसान, नौजवान, महिला और गरीब वर्तमान सरकार की नीतियों के केंद्र में है। सरकार की नीति और नीयत साफ है और यही वजह है कि जनता सरकार के साथ है।
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श्री योगी ने कहा कि इतनी बड़ी आबादी वाले प्रदेश का बजट पिछली सरकारों के समय महज दो लाख करोड़ का होता था यह ‘ऊंट के मुंह मे जीरा’ की कहावत को चरितार्थ करने जैसा था। जब बजट ही नहीं होगा तो काम कैसे आगे बढ़ेगा। कोई दूरदर्शिता नहीं थी, कोई विजन नहीं था। आज वही यूपी है। जहां चार साल पहले प्रति व्यक्ति आय 45,000 रुपये थी। आज 95,000 रुपये है। यह है परिवर्तन। आज की सरकार ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर भी ध्यान देती है ताकि औद्योगिक निवेश आये और ‘ईज ऑफ लिविंग’ के लिए भी संकल्प के साथ काम कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के छह साल के कालखण्ड को छोड़ दें तो कभी ईज ऑफ लिविंग के बारे में न केंद्र न प्रदेश, कभी सोचा।
बजट चर्चा में मुख्यमंत्री ने हाथरस की हालिया घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आखिर क्या वजह है कि हर अपराधी के साथ समाजवादी शब्द जुड़ जाता है। सपा की हाथरस में आज जो रैली है, वहां सपा के लोगों के साथ उस अपराधी के भी पोस्टर लगे हैं। हाथरस की पीड़ित बालिका चिल्ला-चिल्लाकर सपा और उस अपराधी के रिश्ते को बता रही है। आप सच को नहीं झुठला सकते।
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के आरोपों को मिथ्या बताते हुए मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी के शासनकाल पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में मितव्ययिता का कोई विचार नहीं था। बस कर्ज लेना उनकी नीयत थी। भविष्य के उत्तर प्रदेश के प्रति उन सरकारों की कोई नीति नहीं थी। सारी योजनाएं बस तात्कालिक फायदे वाली थीं।उनके इस नजरिये से समाज का हर वर्ग आजिज था और आखिरकार समय आने पर जवाब भी दिया। हमने इस बात को समझा। लगातार प्रयास किया। नतीजतन जो वर्षों में न हो पाया, चार वर्ष में कर दिखाया।
श्री योगी ने सरकार की नीति, नीयत और पारदर्शिता पूर्ण कार्यप्रणाली का उदाहरण देते हुए कहा कि यह वही यूपी है जहां महज चार साल में 40 लाख परिवारों को आवास मिला। 1 करोड़ 38 लाख परिवारों को बिजली कनेक्शन मिला यह भी इसी प्रदेश में हुआ है। हर गांव की अच्छी कनेक्टिविटी हो, इसकी बात तो सब करते थे लेकिन हकीकत में इस सपने का वर्तमान सरकार ने पूरा किया है। 1947 से 2017 तक महज 02 फीसदी लोग ही हर घर नल से जुड़े थे। आज 10 फीसदी हैं।
उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में 2024 तक जल जीवन मिशन से हर घर को पाइप से शुद्ध पेयजल मिलेगा। योगी ने कहा कि इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों के प्रति कभी किसी सरकार में संवेदना नहीं जगी। 1977-78 से गोरखपुर-बस्ती मंडल सहित 38 जिले इंसेफेलाइिटस से प्रभावित थे। सीजन में इससे सैकडों बच्चों की मौत होती थी। हमने इसके लिए सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठाई। आंदोलन किए। आज अगर इसका समूल नाश हुआ है तो इसकी वजह स्वच्छ भारत मिशन के सहयोग, बेहतर अंतर्विभागीय समन्वय, जमीनी स्तर पर बेहतर स्वस्थ्य सुविधाएं मुहैया करना रहा।स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रभावित जिलों के लोगों में जागरुकता अभियान चलाया। नतीजन आज इंसेफेलाइिटस खत्म होने के कगार पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जब उत्तर प्रदेश को संभावनाओं वाला प्रदेश कहते थे तो लोग कहते थे यहां कुछ नहीं हो सकता था। लेकिन लोककल्याण के संकल्प की शक्ति के बूते आज यह सभी सपने साकार हो रहे हैं।
श्री योगी ने कहा कि यह सर्वविदित है कि कोरोना का समय देश और दुनिया के लिए असाधारण रहा। कोरोना से हर कोई प्रभावित रहा। हमारा राजस्व भी। बावजूद हमने बेहतर वित्तीय प्रबंधन किया। वित्तीय अनुशासन को बनाते हुए लोक कल्याण के कार्यों को जारी रखा। इन्हीं असाधारण परिस्थितियों में पेश सर्वसमावेशी और हर तबके के कल्याण को ध्यान में रखकर बजट पेश किया। यह बजट भी खुद में असाधारण रहा। यह मैं और सत्ता पक्ष नहीं, लोग और विशेषज्ञ कह रहे हैं।
हर तबके ने बजट को सराहा है। फिक्की जैसे औद्योगिक संगठनों ने भी प्रशंसा की। पूर्व मुख्य सचिव ने भी बजट की तारीफ की है तो चेयरमैन सीआईआई ने कहा कि यह प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है। एसोचैम के प्रेसिडेंट ने कहा कि जो कुछ बेहतर हो सकता था सरकार ने किया है। यह सर्वोत्तम बजट है। फिक्की की पूर्व अध्यक्ष (महिला चैप्टर) ने महिला बाल विकास की योजनाओं को मील का पत्थर बताया।
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उन्होंने कहा कि बजट पर प्रतिक्रिया देने वाले यह सभी लोग गैर-राजनीतिक हैं। इनके आकलन को यूहीं दरकिनार नहीं किया जा सकता। सीएम ने पेपरलेस बजट पेश कर नया इतिहास रचने के लिए वित्त मंत्री और उनकी पूरी टीम को बधाई भी दी, साथ ही कहा कि बजट में हर घर को नल, हर घर में बिजली, हर खेत को पानी और हर हाथ को काम देने के संकल्प निहित है।
यही नहीं, यह बजट हर गांव में ग्राम सचिवालय, कॉमन सर्विस सेंटर, बीसी सखी के माध्यम से सुदूर क्षेत्रों को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना, सामुदायिक शौचालयों में महिलाओं को रोजगार, जैसे प्रयास न केवल महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन को नवीन आयाम मिलेगा बल्कि हर गांव को डिजिटल बनाने की दिशा में अहम भूमिका भी निभाएंगे।
अभ्युदय योजना का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि अब इस योजना में युवाओं को टैबलेट दिए जाएंगे। इस योजना की मांग अन्य राज्यों में खूब हो रही है। कोरोनाकाल में धैर्य के साथ लोककल्याण के पथ पर बढ़ते रहे: कोरोनाकाल की चुनौतियों का जिक्र करते हुए सीएम ने राष्ट्रकवि दिनकर की पंक्तियां भी पढ़ीं। ‘सच है विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है। सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते’ को पढ़ते हुए कहा कि कोविड काल में प्रदेश ने यह धैर्य और साहस बनाये रखा। दूसरे प्रदेशों से घर वापसी करने वाले हर प्रवासी श्रमिक को स्थानीय स्तर पर ही उसकी दक्षता के अनुसार रोजी-रोजगार मुहैया कराया।