लखनऊ। कोरोना काल में पढ़ाई पिछड़ ही गई है। इसका असर यूपी बोर्ड परीक्षाओं के साथ प्रयोगात्मक परीक्षाओं पर पड़ना तय माना जा रहा है। केंद्र निर्धारण नीति जारी नहीं होने, केंद्रों के निर्धारण का काम पिछड़ने और प्रयोगात्मक परीक्षाएं फरवरी में कराए जाने के निर्णय के बाद अबकी बार यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 मार्च के अंतिम सप्ताह अथवा अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू होने के आसार हैं।
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नवंबर खत्म होने को है और अभी तक केंद्र निर्धारण नीति जारी नहीं की जा सकी है। ऐसे में केंद्र निर्धारण किए बिना बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम तय करना कठिन होगा। बोर्ड की ओर से हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम 30 फीसदी कम किए जाने के बाद बोर्ड ने प्रयोगात्मक परीक्षा का कोर्स भी कम कर दिया है। इसके बाद भी समय से कोर्स पूरा नहीं होने और परीक्षा तैयारी पूरी नहीं होने से परीक्षा कार्यक्रम में देरी तय है।
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यूपी बोर्ड की ओर से प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया गया है कि वह 31 जनवरी 2021 तक हर हाल में विद्यालयों में प्रयोगात्मक कार्य पूरा कर लें। विद्यालयों में अभ्यास प्रैक्टिकल पूरा करने के बाद फरवरी के पहले और दूसरे सप्ताह में प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराने का निर्देश दिया गया है।
यूपी बोर्ड के सूत्रों की मानें तो इस बार परीक्षा मार्च के अंतिम सप्ताह अथवा अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू होगी। केंद्रों के निर्धारण का काम प्रयोगात्मक परीक्षा इस बार दिसंबर की बजाय फरवरी में और बोर्ड परीक्षा फरवरी की जगह मार्च में शुरू हो सकती है।